दिल्ली के डॉक्टरों का चमत्कार, मरीज के पेट से निकाली 8 सेमी लंबी चम्मच, 30 मिनट में बचाई जान

    Delhi News: दिल्ली से एक चौंकाने वाला लेकिन हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक 30 वर्षीय युवक ने गलती से 8 सेंटीमीटर लंबी चम्मच निगल ली. यह चम्मच युवक की आंत में फंस गई थी.

    8 cm long spoon stuck in young man's stomach remove by Endoscopy Surgery
    Image Source: Social Media

    Delhi News: दिल्ली से एक चौंकाने वाला लेकिन हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक 30 वर्षीय युवक ने गलती से 8 सेंटीमीटर लंबी चम्मच निगल ली. यह चम्मच युवक की आंत में फंस गई थी. सौभाग्यवश, समय रहते मेडिकल हस्तक्षेप हुआ और डॉक्टरों की कुशलता से युवक की जान बच गई.

    डॉक्टर भी रह गए हैरान

    घटना के बाद युवक को तुरंत उत्तरी दिल्ली के एक मल्टी-सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया, जहां प्रारंभिक जांच के बाद उसे शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल की इमरजेंसी में रेफर किया गया. जब वह अस्पताल पहुंचा, तब उसकी स्थिति सामान्य लग रही थी. लेकिन एक्स-रे रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया. रिपोर्ट में युवक की आंत के ऊपरी हिस्से में एक धातु की चम्मच फंसी पाई गई.

    30 मिनट में एंडोस्कोपी से निकाली गई चम्मच

    फोर्टिस अस्पताल की गैस्ट्रोइंटेस्टिनल टीम ने तुरंत हरकत में आते हुए युवक की इमरजेंसी एंडोस्कोपी की. वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. रमेश गर्ग के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ टीम ने फोर्सेप की सहायता से बिना किसी अंदरूनी चोट के चम्मच को बाहर निकाला. यह प्रक्रिया केवल 30 मिनट में पूरी की गई, जो मेडिकल जगत में एक दक्षता की मिसाल है.

    कठिन लेकिन सफल ऑपरेशन

    डॉ. रमेश गर्ग ने बताया, “इस तरह के मामले बेहद दुर्लभ होते हैं. यदि धातु जैसी वस्तु आंत में फंस जाए तो उसमें छेद होने या अंदरूनी रक्तस्राव की संभावना रहती है. हमने बिना कोई आंतरिक नुकसान किए सफलता पूर्वक चम्मच निकाली, जो समय पर लिए गए निर्णय और विशेषज्ञता का परिणाम था.”

    24 घंटे निगरानी के बाद मिला डिस्चार्ज

    सर्जरी के बाद मरीज को 24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया, जहां उसकी स्थिति पूरी तरह से स्थिर रही. अगले ही दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. फोर्टिस शालीमार बाग के फैसिलिटी डायरेक्टर दीपक नारंग ने कहा, “यह केस हमारे अस्पताल की इमरजेंसी रिस्पॉन्स क्षमता और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम वर्क का उत्कृष्ट उदाहरण है.”

    इस केस ने यह साबित कर दिया कि छोटी सी लापरवाही गंभीर मेडिकल इमरजेंसी में बदल सकती है. यदि समय पर एंडोस्कोपी नहीं होती, तो स्थिति विकट हो सकती थी. ऐसे में किसी भी अजीब या असहज घटना के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.

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