World's Largest Ballistic Missile: रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए लगभग दो साल हो गए हैं. लेकिन युद्ध का कोई निर्णायक मोड़ सामने नहीं आया है. कोई भी देश पीछे हटने को तैयार नहीं है. यूक्रेन को नाटो देशों का समर्थन प्राप्त है, जिसके कारण वह लंबे समय से युद्ध में है. इस बीच रूस दक्षिणी ध्रुव से दुनिया की सबसे बड़ी मिसाइल सतान-2 (Satan 2) का परीक्षण करने जा रहा है. यूक्रेन समेत सभी नाटो देशों के लिए यह बुरी खबर है.
रूस के इस परीक्षण के साथ ही यह मारक हाइपरसोनिक परमाणु मिसाइल 'कॉम्बैट ड्यूटी' के लिए तैयार हो जाएगी. यह मिसाइल बेहद तेज गति से चलती है और अमेरिका तक पहुंचने की क्षमता रखती है. यह मिसाइल 14 मंजिल ऊंची है और इसका वजन 208 टन है. इस मिसाइल को आरएस-28 सरमत के नाम से भी जाना जाता है. पुतिन की सेना की पहली रेजिमेंट को अगले महीने से युद्धक ड्यूटी पर तैनात किया जा सकता है. इस बीच अमेरिका ने इस मिसाइल के परीक्षण पर नजर रखने के लिए अपना जासूसी विमान तैनात कर दिया है.
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS की रिपोर्ट के अनुसार, इस परीक्षण के बाद भी अभी और सफल परीक्षणों की जरूरत होगी. इसके लिए कई और प्रक्षेपणों की आवश्यकता होगी, जिसमें दक्षिणी ध्रुव से परीक्षण भी शामिल है. दक्षिणी ध्रुव परीक्षण संदर्भ को जल्दबाज़ी में हटा दिया गया था, लेकिन यह अभी भी अपने पुराने संस्करण में मौजूद है. अगर रूस दक्षिणी ध्रुव से इस परमाणु बम ले जाने वाली मिसाइल का परीक्षण करता है, तो पश्चिमी देशों में गंभीर खतरे की घंटी बज सकती है. दरअसल, रूस ने इस मिसाइल को इस तरह से डिजाइन किया है कि यह नाटो देशों के खिलाफ शक्तिशाली परमाणु हमला कर सकता है.
हालांकि, द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के अंदर इसका सिर्फ एक ही सफल परीक्षण किया गया है. एक रक्षा सूत्र ने रूसी एजेंसी TASS को बताया कि पहली सरमत रेजिमेंट के अंदर एक कमांड पोस्ट और कई साइलो लॉन्चर होंगे. यह रेजिमेंट स्ट्रैटजिक मिसाइल फोर्स उज़ूर मिसाइल का हिस्सा होगी. इस रेजिमेंट को साइबेरिया में तैनात किया गया है. रूस की यह मिसाइल पांचवीं पीढ़ी की मानी जाती है लेकिन यह तय समय से पीछे चल रही है. अभी इसकी टेस्टिंग पूरी नहीं हुई है.