जयपुर (राजस्थान): उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को महिला शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि महिलाओं और शिक्षा के बिना 'विकसित भारत' की कल्पना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, "महिलाएं और शिक्षा उस रथ के दो पहिये हैं जो राष्ट्र को चलाएंगे."
जयपुर में इंडिया इंटरनेशनल स्कूल में छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए, वी.पी. धनखड़ ने शिक्षा, विशेष रूप से महिला शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा, "शिक्षा समाज में सबसे बड़ा स्तर लाने वाली चीज़ है, यह समानता लाती है और किसी भी समाज में लोकतंत्र के पनपने के लिए यह आवश्यक है. शिक्षा समानता लाती है; शिक्षा असमानताओं को कम करती है. शिक्षा सामाजिक व्यवस्था को बेहतर बनाने वाली एक बड़ी चीज़ है, शिक्षा लोकतंत्र को ऑक्सीजन प्रदान करती है."
प्राचीन वैदिक युग में महिलाओं को समान दर्जा प्राप्त था
उन्होंने आगे जोर देते हुए कहा, "यदि हम अपने वेदों पर गौर करें तो पाएंगे कि महिलाओं की शिक्षा और भागीदारी पर बहुत जोर दिया गया था. हम बीच में कहीं भटक गए. लेकिन वेदों के उस काल में, सबसे प्राचीन वैदिक युग में, महिलाओं को समान दर्जा प्राप्त था. वे नीति निर्धारक थीं, निर्णयकर्ता थीं और मार्गदर्शक शक्तियां थीं."
An epochal development has taken place, and that is reservation for women in Lok Sabha and State Legislatures.
— Vice-President of India (@VPIndia) September 28, 2024
Women will be part of policy-making, legislation making, and executive functions. They will be the driving force!
This is the development of the century!
I had the… pic.twitter.com/w9dJlvmTpf
अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने हाल ही में पारित महिला आरक्षण विधेयक की भी प्रशंसा की, जिसमें संसद और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान किया गया है.
लोकसभा और विधानसभाओं में महिला आरक्षण की प्रशंसा
उन्होंने कहा, "एक युगांतकारी विकास हुआ है, एक ऐतिहासिक विकास हुआ है, और वह है लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण. संविधान ने अब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण प्रदान किया है. वे नीति-निर्माण का हिस्सा होंगी, वे कानून बनाने का हिस्सा होंगी, वे कार्यकारी कार्यों का हिस्सा होंगी, वे प्रेरक शक्ति होंगी. यह सदी का विकास है."
गुणवत्तापूर्ण और उद्देश्यपूर्ण शिक्षा प्रदान करने की क्षमता के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि शिक्षा के बिना कोई बदलाव नहीं हो सकता है और यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा होनी चाहिए.
एक के बाद एक डिग्री हासिल करना सही शिक्षा नहीं है
उन्होंने आगे कहा, "शिक्षा उद्देश्यपूर्ण होनी चाहिए. शिक्षा डिग्री से परे होनी चाहिए. एक के बाद एक डिग्री हासिल करना शिक्षा के प्रति सही दृष्टिकोण नहीं है और यही कारण है कि तीन दशकों के बाद देश में एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई है जो छात्रों को उनकी प्रतिभा का पूरा दोहन करने की अनुमति देती है. उन्हें डिग्री-उन्मुख शिक्षा से दूर रखा गया है. यह कौशल शिक्षा, योग्यता पर केंद्रित है. इसके साथ ही आप पाठ्यक्रम भी कर सकते हैं."
Our youth is seeking to be partners, stakeholders, contributors in our journey for Viksit Bharat, and the fundamental mechanism for this is education.
— Vice-President of India (@VPIndia) September 28, 2024
Education has to be purposeful. Pursuit of degrees, one after another, is not the right approach to education.
This is why,… pic.twitter.com/RfPaVS61Wb
2047 में 'विकसित भारत' के लक्ष्य को हासिल करने में युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल करने के लिए जरूरी तत्व देश में मौजूद हैं. उन्होंने कहा, "हमारे पास एक ऐसा तंत्र है, जहां हर व्यक्ति अपनी प्रतिभा और क्षमता का इस्तेमाल करके अपनी आकांक्षाओं और सपनों को साकार कर सकता है."
जो भ्रष्टाचार से संचालित हो वह युवाओं के उत्थान के खिलाफ है
देश में भ्रष्ट तत्वों से सत्ता के गलियारों को साफ करने पर प्रकाश डालते हुए, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि कोई भी समाज जो भ्रष्टाचार से संचालित हो, रिश्वतखोरी से संचालित हो, संपर्क एजेंटों से संचालित हो, ऐसी व्यवस्था से संचालित हो जिसमें भ्रष्टाचार के बिना आपको नौकरी या अनुबंध नहीं मिल सकता, वह निश्चित रूप से युवाओं के उत्थान के खिलाफ है.
Corruption eats into the talented. Corruption neutralises meritocracy.
— Vice-President of India (@VPIndia) September 28, 2024
A big change has taken place. Power corridors once infested with corrupt liaison elements have been neutralised.
There is now transparent, accountable governance in the country.
This has been brought… pic.twitter.com/H6X8PnpE65
उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार प्रतिभावान लोगों को खा जाता है. भ्रष्टाचार योग्यता को निष्प्रभावी कर देता है. एक बड़ा बदलाव हुआ है. सत्ता के गलियारे कभी भ्रष्ट संपर्क तत्वों से भरे हुए थे. जो लोग निर्णय लेने में कानून से इतर लाभ उठाते थे, जो योग्यता को ध्यान में रखे बिना अनुबंध और नौकरियां प्रदान करते थे. उन गलियारों को निष्प्रभावी कर दिया गया है. आपने देखा होगा कि अब देश में पारदर्शी और जवाबदेह शासन है और यह गांवों तक तकनीकी पहुंच के माध्यम से लाया गया है, जहां बिना किसी बिचौलिए के पैसा स्थानांतरित किया जाता है."
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