VIDEO: आखिर क्यों नौकरियां छोड़ना चाहते हैं लोग? जानें सच्चाई

    सैलरी से खर्च ना चलने के बावजूद कर्मचारियों में नौकरी छोड़ने का डर है, क्योंकि नए काम में सफल होने की भी कोई गारंटी नहीं है. ऐसे में आशंका बनी रहती है कि फिलहाल बतौर सैलरी जो भी कमाई हो रही है वो आगे जारी रहेगी या नहीं? देखें रिपोर्ट-

    Leaving the job: PWC की रिपोर्ट में ब्रिटेन का उदाहरण देकर कहा गया है कि वहां पर 47 फीसदी कर्मचारियों ने महीने के आखिर में कुछ ना बचने की बात कही है जबकि 15 परसेंट का कहना है कि अपनी सैलरी से वो घर के सारे बिल भी नहीं भर पा रहे हैं. ऐसे में उनके सामने नौकरी छोड़कर कुछ और करने का ही विकल्प बचता है. हालांकि इस मसले पर जानकारों का कहना है कि तनाव और आर्थिक अनिश्चतता के माहौल में लोग बदलाव करने से घबराते हैं. सैलरी से खर्च ना चलने के बावजूद कर्मचारियों में नौकरी छोड़ने का डर है, क्योंकि नए काम में सफल होने की भी कोई गारंटी नहीं है. ऐसे में आशंका बनी रहती है कि फिलहाल बतौर सैलरी जो भी कमाई हो रही है वो आगे जारी रहेगी या नहीं? 2008 की मंदी के दौर में अमेरिका में 26 लाख लोगों की नौकरी गई थी. लेकिन इसी दौर में नौकरी बदलने वालों की संख्या अमेरिका के इतिहास में सबसे कम थी. बढ़ती महंगाई की वजह से कर्मचारियों को लगने लगा है कि अब वो नौकरी से मिलने वाले वेतन से घर खर्च और ईएमआई नहीं चुका पाएंगे. इसलिए वो नौकरी की जगह अपना खुद का काम करना चाहते हैं. सवाल उठना वाजिब है कि जब सैलरी से भी काम नहीं चल रहा है तो फिर लोग नौकरी छोड़कर क्या करेंगे? PWC की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में 26 फीसदी लोग यानी हर चौथा कर्मचारी अगले साल तक नौकरी छोड़कर कुछ और करना चाहता है. दरअसल, बढ़ती महंगाई की वजह से कर्मचारियों को लगने लगा है कि अब वो नौकरी से मिलने वाले वेतन से घर खर्च और ईएमआई नहीं चुका पाएंगे. इसलिए वो नौकरी की जगह अपना खुद का काम करना चाहते हैं.