Tarak Mehta Ka Ooltah Chashma: जब 28 जुलाई 2008 को 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' का पहला एपिसोड टेलीकास्ट हुआ था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि ये शो भारत के सबसे लंबे चलने वाले और लोकप्रिय सिटकॉम्स में से एक बन जाएगा. लेकिन इन 17 सालों की रफ्तार में, जहां एक तरफ शो ने हंसी और संस्कृति का रंग बिखेरा, वहीं दूसरी तरफ परदे के पीछे कई कलाकारों के टूटे सपने, विवाद और भावनात्मक जद्दोजहद भी देखने को मिली.
शो में दयाबेन का किरदार निभाकर घर-घर में मशहूर हुईं दिशा वकानी लंबे समय से परदे से दूर हैं. दर्शकों की उम्मीदें आज भी बंधी हैं कि वह किसी दिन फिर "हे मां माताजी" कहते हुए लौटेंगी. लेकिन उनकी वापसी की खबरों के बीच हाल ही में शो में मिसेज रोशन का किरदार निभा चुकीं जेनिफर मिस्त्री बंसीवाल ने दिशा वकानी की चुप्पी और शो छोड़ने के पीछे की परतें खोलने की कोशिश की है.
जेनिफर ने बयां किया दर्द
पिंकविला को दिए इंटरव्यू में जेनिफर ने बताया कि कैसे उन्होंने खुद प्रेग्नेंसी के समय शो छोड़ने से बचने के लिए मिन्नतें कीं, लेकिन शो के निर्माता असित मोदी और उनकी टीम ने उन्हें रिप्लेस कर दिया. जेनिफर का दावा है कि मेकर्स ने उनकी पूरी सैलरी भी नहीं दी और उन पर कानूनी कार्रवाई कर दी.
इसी बातचीत में जब उनसे दिशा वकानी को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "दिशा की डिलीवरी के बाद मेकर्स ने कई बार उनसे शो में वापसी के लिए हाथ जोड़े, लेकिन वह नहीं लौटीं. वो बहुत प्राइवेट इंसान हैं और फैमिली को प्रायोरिटी देना चाहती थीं."
क्यों छोड़ गईं दिशा वकानी शो?
जेनिफर का कहना है कि दिशा जब प्रेग्नेंट थीं, तो उनके लिए स्टूडियो में खास स्ट्रेचर जैसी व्यवस्था की गई थी ताकि उन्हें ऊपर शूटिंग फ्लोर तक ले जाया जा सके। इस बात से पता चलता है कि दिशा की सेहत और आराम को लेकर कुछ हद तक सावधानी बरती जा रही थी, लेकिन फिर भी उन्होंने टेलीविजन से दूरी बना ली।
जेनिफर के मुताबिक, दिशा का शो छोड़ना माहौल की वजह से कम और उनके पारिवारिक फैसलों की वजह से ज़्यादा था। वह हमेशा से शादी, बच्चे और घरेलू जीवन चाहती थीं।
शो से किन-किन चेहरों ने लिया अलविदा?
इन 17 सालों में कई प्रमुख कलाकार शो से विदा हो चुके हैं.
दिशा वकानी (दयाबेन)
भव्या गांधी (टप्पू)
गुरुचरण सिंह (सोढ़ी)
नेहा मेहता (पुरानी अंजलि)
झील मेहता (पहली सोनू)
और हाल ही में जेनिफर मिस्त्री (रोशन बीबी)
क्या कहता है शो का भविष्य?
भले ही 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' अब भी टीआरपी की दौड़ में बना हुआ है, लेकिन समय-समय पर कलाकारों की शिकायतें और शो की कार्यप्रणाली पर उठते सवाल इसके प्रबंधन पर सवालिया निशान छोड़ते हैं. फिर भी, एक चीज़ जो नहीं बदली, वो है, गोकुलधाम वासियों की मासूमियत, ठेठ ह्यूमर और लोगों की उम्मीदें.
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