हापुड़ (उत्तर प्रदेश) : आज़ाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने सोमवार को संभल हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की और कहा कि "न्याय गोलियों से हो रहा है" और यह "गुंडागर्दी" बर्दाश्त नहीं की जा सकती.
नगीना से लोकसभा सांसद आज़ाद को पुलिस ने उस समय रोका जब वे हापुड़ से होते हुए संभल जा रहे थे.
#WATCH | Hapur, UP: On Sambhal violence, Azad Samaj Party's National President Chandrashekhar Azad says, " ...I am against violence...in UP, justice is being done through bullets and this hooliganism can't be tolerated...this is a conspiracy and our poor people are becoming prey… pic.twitter.com/BqjZCY7bQm
— ANI (@ANI) November 25, 2024
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आजाद ने कहा- हमारे गरीब लोग हिंसा के शिकार हो रहे
आज़ाद ने पत्रकारों से कहा, "मैं हिंसा के खिलाफ़ हूं लेकिन यूपी में न्याय गोलियों से हो रहा है और यह गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जा सकती. मुझे घायल हुए पुलिसकर्मियों के लिए भी दुख है, लेकिन यह एक साजिश है और हमारे गरीब लोग इसका शिकार बन रहे हैं."
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि हिंसा के कारण चार लोगों की मौत हो गई.
रविवार को संभल में मुगलकालीन मस्जिद में एएसआई सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने आज घोषणा की कि बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों या जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना संभल में प्रवेश करने से रोका जाएगा.
आयुक्त ने घटना में सपा सांसद, विधायक के शामिल होने की बात कही
इससे पहले दिन में, मुरादाबाद के पुलिस आयुक्त अंजनेय कुमार सिंह ने पुष्टि की कि संभल की घटना के आरोपियों में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद और एक स्थानीय विधायक का बेटा शामिल है. उन्होंने कहा कि स्थिति शांतिपूर्ण है और जांच चल रही है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "संभल में स्थिति शांतिपूर्ण है. जांच चल रही है. एफआईआर दर्ज की गई है. संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे के खिलाफ उकसावे के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है. चार लोगों की मौत हो गई है. घायलों का इलाज किया जा रहा है. सख्त कार्रवाई की जाएगी, जरूरत पड़ने पर एनएसए भी लगाया जाएगा."
जिया उर रहमान बर्क ने कहा- हिंसा के समय वह राज्य में नहीं थे
जिया उर रहमान बर्क ने अपने खिलाफ आरोपों से इनकार किया और उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन पर "साजिश" का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मामला झूठा है क्योंकि हिंसा भड़कने के समय वह राज्य में नहीं थे. उन्होंने कहा, "संभल में पुलिस प्रशासन द्वारा की गई घटना ने पूरी मानवता को झकझोर कर रख दिया है और राज्य और देश की छवि को धूमिल किया है. कल मैं राज्य में मौजूद भी नहीं था, संभल तो दूर की बात है, मैं इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में भाग लेने के लिए बेंगलुरु गया था, लेकिन मेरे खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया है."
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