मुंबई: 10 जनवरी को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया था. इसके बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. इस बयान के खिलाफ उद्धव गुट के एक विधायक सुनील प्रभु ने याचिका दायर की थी, जिसे लिस्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले को 19 जुलाई को लिस्ट करने का विचार कर रहा है.
सुनील प्रभु के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इसपर जल्द लिस्ट करने को कहा है. मनु सिंघवी ने कहा कि महाराष्ट्र में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने वाला है. इसलिए इस केस पर 12 जुलाई को ही सुनवाई होनी चाहिए. इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा- ठीक है. हम देखते हैं. हमें पहले मेल पर रीक्वेस्ट भेजिए.
एकनाथ शिंदे ने 2022 में बगावत कर दी थी
बता दें कि, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 2022 में अपनी पार्टी से बगावत कर दी थी. बाद में शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई और वे खुद मुख्यमंत्री बन गए. मुख्यमंत्री बनने के बाद शिंदे ने शिवसेना पर अपना दावा किया. वही ठाकरे गुट का यह आरोप है कि शिंदे ने असंवैधानिक रूप से सत्ता हासिल कर ली और असंवैधानिक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.
चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना था
चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को 16 फरवरी 2023 को असली शिवसेना मान लिया था और शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और पार्टी चिह्न (तीर-कमान) को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी. तब उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर राहुल नार्वेकर को इस पर फैसला करने को कहा था.
10 जनवरी 2024 को सुनवाई के बाद राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया. तब इसके खिलाफ कपिल सिब्बल ने ठाकरे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. 22 जनवरी 2024 को कोर्ट ने शिंदे समेत सभी बगावती विधायकों को नोटिस जारी किया था.
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