मॉस्कोः इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस दौरे पर हैं. इस दौरान पीएम मोदी का स्वागत राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किया. वहीं मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय को संबोधित करने पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में मैं तीन गुना ताकत के साथ काम करूंगा.
मॉस्को में पीएम नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा, "पिछले 5 साल पूरी दुनिया, पूरी मानव जाति के लिए बहुत चिंताजनक और चुनौतीपूर्ण थे. हमें कई समस्याओं से गुजरना पड़ा. पहले, COVID के कारण और बाद में संघर्षों का युग और विभिन्न हिस्सों में तनाव के कारण मानव जाति के लिए अनेक संकट पैदा हो गए. ऐसी स्थिति में भी, जब दुनिया खाद्य-ईंधन-उर्वरक संकट से जूझ रही थी, भारत-रूस की मित्रता और सहयोग के कारण मैंने अपने देश के किसानों को संकट नहीं आने दिया.
पीएम मोदी ने कहा, ''उर्वरक का संकट में हमारी मित्रता ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. हम किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध हैं. आने वाले दिनों में भी हम चाहेंगे कि रूस के साथ हमारा सहयोग किसानों के हित में और आगे बढ़े.''
शांति बहाली के लिए भारत हर सहयोग करने को तैयार
मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "शांति बहाली के लिए भारत हर तरह से सहयोग करने को तैयार है. मैं आपको और विश्व समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है. कल अपने मित्र पुतिन को शांति के बारे में बात करते हुए सुनकर मुझे आशा मिलती है, मैं अपने मीडिया मित्रों से कहना चाहूंगा कि यह संभव है."
नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहा, ''दुनिया के सामने ईंधन की बहुत बड़ी चुनौती थी. ऐसे समय में आपके सहयोग से हम आम जनता को पेट्रोल-डीजल से जुड़ी परेशानियों से बचाने में सफल रहे. इतना ही नहीं, दुनिया को यह स्वीकार करना होगा कि भारत और रूस के बीच ईंधन को लेकर जो समझौता हुआ, उसने परोक्ष रूप से दुनिया को एक तरह से बाजार में स्थिरता दी.''
पूरी दुनिया इस दौरे के अलग-अलग मायने निकाल रही है
पीएम ने आगे कहा, ''शायद ये ऐसी मुलाकात है कि पूरी दुनिया का ध्यान मेरे इस दौरे पर है. पूरी दुनिया इस दौरे के अलग-अलग मायने निकाल रही है. कल आपने मुझे अपने निवास पर आमंत्रित किया और एक सच्चे मित्र की तरह हमने 4-5 घंटे एक साथ बिताए. हमने कई विषयों पर चर्चा की. मुझे खुशी है कि हमने यूक्रेन के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की और हमने एक-दूसरे की राय को सुनने और सम्मानपूर्वक समझने की कोशिश की. "
उन्होंने कहा, ''एक दोस्त के तौर पर मैंने हमेशा कहा है कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शांति सबसे महत्वपूर्ण है. लेकिन मैं ये भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं है. बम, बंदूक और गोलियों के बीच समाधान और शांति वार्ता सफल नहीं होती. हमें बातचीत के जरिये ही शांति का रास्ता अपनाना होगा.''