नई दिल्ली : सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों से शुक्रवार को पता चला कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था वास्तविक रूप से 5.4 प्रतिशत बढ़ी. इसकी तिमाही वृद्धि RBI के 7% पूर्वानुमान से काफी कम है.
2024-25 की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी 44.10 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2023-24 की दूसरी तिमाही में यह 41.86 लाख करोड़ रुपये है, जो 5.4 प्रतिशत की मध्यम ग्रोथ रेट को दिखाती है.
पिछले साल इसी तिमाही में भारत की वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत रही थी.
अप्रैल-जून में 6-7% की विकास दर अनुमान से कम थी
अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.7 प्रतिशत बढ़ी, जो आरबीआई के 7.1 प्रतिशत के पूर्वानुमान से कम है.
RBI ने भारत की 2024-25 की GDP वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. IMF और World ने इसे 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.
कई वैश्विक रेटिंग एजेंसियों और बहुपक्षीय संगठनों ने भी भारत के लिए अपने विकास पूर्वानुमानों को संशोधित किया है. अक्टूबर में अपनी ताजा मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में, RBI ने Q2 की वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत, Q3 की 7.4 प्रतिशत और Q4 की 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. अगले वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक GDP वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
बजट 2024-25 में लगाया गया था ये अनुमान
इस वर्ष की शुरुआत में संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण ने "रूढ़िवादी" रूप से 2024-25 के लिए भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर 6.5-7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया, जिसमें यह स्वीकार किया गया कि बाजार की अपेक्षाएं अधिक हैं. वास्तविक GDP वृद्धि महंगाई से इंप्रोमाइज रिपोर्ट की है. एसएंडपी
ग्लोबल रेटिंग्स ने इस सोमवार को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी पूर्वानुमान को 6.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा, जबकि अगले 2 सालों के लिए आर्थिक विकास पूर्वानुमानों में कटौती की है.
रिजर्ब बैंक ने पिछले सप्ताह अर्थव्यवस्था को बताया था मजबूत
भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था में देखी गई कमजोरी, खासतौर से हालिया तिमाही में, अब पीछे छूट गई है.
भारतीय अर्थव्यवस्था में 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देखी गई सुस्ती अब पीछे छूट गई है, क्योंकि निजी खपत फिर से घरेलू मांग बढ़ गई है, व त्यौहारी खर्च ने अक्टूबर-दिसंबर में वास्तविक एक्टिविटीज को बढ़ा दिया है, आरबीआई ने अपने ताजा मासिक बुलेटिन में ये बात कही थी.
आरबीआई ने जोर देकर कहा था कि मध्यम अवधि का अप्रोच आशावादी बना हुआ है.
भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी हुई है. अर्थव्यवस्था 2022-23 में 7.2 प्रतिशत तथा 2021-22 में 8.7 प्रतिशत बढ़ी.
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