iPhone यूजर्स के लिए वॉर्निंग, Chrome ब्राउज़र से लीक हो सकती है प्राइवेट जानकारी, जानें कैसे रोकें?

    Apple ने हाल ही में एक चेतावनी जारी की है, जो खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो iPhone तो इस्तेमाल करते हैं लेकिन ब्राउज़र के लिए Safari की जगह Chrome चुनते हैं. Apple ने सीधे तौर पर किसी ब्राउज़र का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारा साफ है — Chrome जैसे ब्राउज़र आपकी ऑनलाइन गतिविधियों को ट्रैक करते हैं और आपकी निजी जानकारी को जोखिम में डाल सकते हैं.

    Warning for iPhone users Private information can be leaked from Chrome browser
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    सोचिए, आप अपने iPhone पर इंटरनेट चला रहे हैं, कुछ सामान सर्च कर रहे हैं या बैंकिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं — और इसी दौरान कोई आपकी हर क्लिक पर नजर रख रहा हो. हैरान कर देने वाली बात है, लेकिन ये सच हो सकता है अगर आप Google Chrome ब्राउज़र का इस्तेमाल कर रहे हैं.

    Apple ने हाल ही में एक चेतावनी जारी की है, जो खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो iPhone तो इस्तेमाल करते हैं लेकिन ब्राउज़र के लिए Safari की जगह Chrome चुनते हैं. Apple ने सीधे तौर पर किसी ब्राउज़र का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारा साफ है — Chrome जैसे ब्राउज़र आपकी ऑनलाइन गतिविधियों को ट्रैक करते हैं और आपकी निजी जानकारी को जोखिम में डाल सकते हैं.

    Chrome से खतरा क्यों है?

    Google Chrome अब भी थर्ड-पार्टी कुकीज़ का इस्तेमाल करता है. ये कुकीज़ आपकी ऑनलाइन आदतों को नोट करती हैं और एड कंपनियों को आपकी एक डिजिटल प्रोफाइल बना कर देती हैं. इससे आपको “आपके लिए” बनाए गए ऐड्स दिखते हैं — लेकिन इसकी कीमत आपकी प्राइवेसी से चुकानी पड़ती है. हालांकि Google ने ट्रैकिंग रोकने की कुछ योजनाएं बनाई थीं, लेकिन उन्हें बार-बार टाल दिया गया है. यानी जब तक आप खुद सेटिंग्स में जाकर कुकीज़ बंद न करें, Chrome हर कदम का हिसाब रखता रहेगा.

    iPhone यूज़र्स के लिए सुझाव क्या है?

    अगर आप चाहते हैं कि आपकी बैंक डिटेल्स, पासवर्ड्स और सर्च हिस्ट्री जैसी संवेदनशील जानकारी किसी के हाथ न लगे, तो Chrome की जगह किसी प्राइवेसी-फोकस्ड ब्राउज़र का इस्तेमाल शुरू करें. Safari — जो iPhone का डिफॉल्ट ब्राउज़र है — Apple के मुताबिक ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद है. इसके अलावा आप Firefox, DuckDuckGo, या Avast Secure Browser जैसे विकल्प भी चुन सकते हैं जो आपकी गोपनीयता को प्राथमिकता देते हैं.

    एक छोटा बदलाव, बड़ा असर

    कई बार हमें लगता है कि ब्राउज़र बदलने से कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन सच्चाई ये है कि Chrome जैसे ऐप्स बैकग्राउंड में जो डेटा इकट्ठा करते हैं, वो हमारी सोच से कहीं ज्यादा होता है. सिर्फ एक ऐप — Chrome — आपकी सारी डिजिटल एक्टिविटी को निगल सकता है. तो अगली बार जब आप iPhone में ब्राउज़र खोलें, एक बार फिर सोचिए — क्या वाकई Chrome आपको वो प्राइवेसी दे रहा है, जिसके आप हकदार हैं?

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