नई दिल्ली : भारत 24 के 'Viksit Bharat 2047' कार्यक्रम में शनिवार को कई दिगग्ज पहुंचे. इस खास कार्यक्रम में खास मेहमान भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आए. उन्होंने इस दौरान भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र की तारीफ की. उन्होंने Vision Of New India और Viksit Bharat 2047 के बारे में भी बताया.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "विकसित भारत अब सपना नहीं है, विकसित भारत लक्ष्य है और चुनौतिपूर्ण लक्ष्य है और यह लक्ष्य हम हासिल कर के रहेंगे ये हमरा संकल्प है. अतित में हमारा इतिहास देखिए, प्राचीन काल में भारत विश्वगुरू था. नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय में दुनिया भर के लोग आते थे. उस समय भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था का सिरमौर था. दुनिया की अर्थव्यवस्था में हमारा एक तिहाई हिस्सा था. फिर बीच में हम रास्ता भुल गए थे, अब वापस रास्ते पर आ गए हैं."
1-2 वर्ष में हम तिसरी आर्थिक महाशक्ति होंगे
उन्होंने कहा, "एक कालखंड था जब सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश का सोना विदेशी बैंकों के अंदर गिरवी रखना पड़ा, इसका काम था हमारा विदेशी मुद्रा का भंडार एक बिलियन यूएस डॉलर के नीचे आ गया था. वर्तमान में देखिए क्या हालात है, हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 650 बिलियन यूएस डॉलर है और इससे आगे भी बढ़ रहा है. व्यक्तिगत रूप से मैंने दोनों हालात देखे हैं. जब सोना गिरवी रखा गया तब मैं सांसद था और केंद्र में मंत्री था और आज मैंने भारत की बदलती तस्वीर देखी है. आज हम विश्व की पांचवीं आर्थिक महाशक्ति हैं. ब्राजील, कनाडा, यूके और फांस को पीछे छोड़ दिया है और अब जर्मनी और जपान की बारी है. आने वाले 1-2 वर्ष में हम तिसरी आर्थिक महाशक्ति होंगे."
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— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) November 30, 2024
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हम दुनिया के तिसरे सबसे बड़े पर्चेजिंग पावर हैं
धनखड़ ने आगे कहा, "अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है पर्चेजिंग पावर, और हम दुनिया के तिसरे सबसे बड़े पर्चेजिंग पावर हैं. जब तकनीकी को देखते हैं तो भारत ने बड़ी छलां लगाई है. पर कैपिटा इंटरनेट का उपयोग देखेंगे तो अमेरिका और चीन दोनों को मिला लो तो भी भारत का ज्यादा है. डिजिटल ट्रांजेक्शन देखेंगे तो चार बड़े देशों को मिला लो औ चार से गुणा कर दो तो भी भारत आगे है. दुनिया के 50 प्रतिशत से ज्यादा इसमें हमारा सहयोग है. यह पीएम मोदी के विजन से हुआ है. मोबाइल के कभी 2 निर्माता हुआ करते थे और हम आयात करते थे, आज 100 से ज्यादा निर्माता हैं और हम निर्यात करते हैं. ये हमारे बदलते भारत की तस्वीर है."
हम भारतीय हैं और भारतीयता हमारी पहचान है
उपराष्ट्रपति ने विकसित भारत के लिए आम नागरिक से अपील की. उन्होंने कहा, "मैं आम नागरिक से यहीं कहूंगा कि देश में विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा यज्ञ हो रहा है, इस यज्ञ में आप अपनी आहुति दीजिए, आप संकल्प लीजिए की हम राष्ट्र को प्रथम रखेंगे. हम भारतीय हैं और भारतीयता हमारी पहचान है."