Uttarakhand: चार खंडों में विभाजित है UCC विधेयक, विवाह से लिव-इन संबंध तक को लेकर समान कानून; जानें

    Uttarakhand: चार खंडों में विभाजित है UCC विधेयक, विवाह से लिव-इन संबंध तक को लेकर समान कानून; जानें

    देहरादून, भारत 24 डिजिटल डेस्क: उत्तराखंड ने आज इतिहास रच दिया है. विधानसभा में समान नागरिक संहिता का बिल (Uniform Civil Code Bill) ध्वनिमत से पास हो गया. इसमें 392 धाराएं हैं, जिनमें से केवल उत्तराधिकार से संबंधित धाराओं की संख्या 328 है. विधेयक में मुख्य रूप से महिला अधिकारों के संरक्षण को केंद्र में रखा गया है. कुल 192 पृष्ठों के विधेयक को चार खंडों विवाह और विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार, लिव इन रिलेशनशिप और विविध में विभाजित किया गया है.

    चार खंडों में विभाजित है यूसीसी विधेयक

    1. पहला खंड- विवाह और विवाह-विच्छेद

    - यूसीसी की धाराओं के उल्लंघन पर छह माह तक का कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माने की व्यवस्था. विवाह-विच्छेद के मामलों में तीन वर्ष तक का कारावास होगा.
    - पुनर्विवाह के लिए तय नियम के उल्लंघन पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना व छह माह तक का कारावास.

    2. दूसरा खंड- उत्तराधिकार में महिलाओं को समान अधिकार

    - संपत्ति में सभी धर्मो की महिलाओं को समान अधिकार.
    - सभी जीवित बच्चे, पुत्र अथवा पुत्री संपत्ति में बराबर के अधिकारी.

    3. तीसरा खंड- लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य

    -पंजीकरण न कराने पर अधिकतम तीन माह का कारावास और 10 हजार रुपये का जुर्माना.
    - किसी एक पक्ष के नाबालिग अथवा विवाहित होने पर लिव इन की अनुमति नहीं.
    - लिव इन सबध कोई भी पक्ष समाप्त कर सकता है। निबंधक और लिव इन पार्टनर को देनी होगी जानकारी.
    - गलत जानकारी देने अथवा नोटिस के बाद भी जानकारी न देने पर अधिकतम छह माह का कारावास अथवा अधिकतम 25 हजार रुपये जुर्माना.
    - यदि कोई पुरुष महिला को छोड़ता है तो वह उससे भरण पोषण की मांग कर सकती है.

    4. चौथा खंड- नियम बनाने की शक्ति सरकार में निहित

    - किसी भी प्रकार का संदेह दूर करने के लिए उत्तराखंड में विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 2010 को निरस्त करने की संस्तुति.
    - कानून लागू होने के दौरान इससे संबंधित रूढ़ि, प्रथा या परंपरा, जो इससे संबंधित हो और राज्य में लागू रहे हैं, वह उस सीमा तक निष्प्रभावी हो जाएंगे जो विधेयक में निहित प्रविधानों में असंगत होंगे.