अयोध्या (उत्तर प्रदेश) : एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कन्फर्म किया कि पार्टी मिल्कीपुर उपचुनाव नहीं लड़ेगी, समाजवादी पार्टी को सपोर्ट करेगी
राय ने पार्टी के रणनीतिक फोकस की बात कहते हुए कहा, "हमने पिछले 9 चुनाव नहीं लड़े हैं, और क्या हम 10वां चुनाव लड़ेंगे. हम उपचुनाव नहीं लड़ेंगे."
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'पार्टी संगठनात्मक आधार को मजबूत करेगी, सपा को करेंगे सपोर्ट'
राय ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस की वर्तमान प्राथमिकता उपचुनाव नहीं बल्कि अपने संगठनात्मक आधार को मजबूत करना है.
उन्होंने कहा, "हम अपने संगठन को मजबूत करने और 2027 (यूपी विधानसभा चुनाव) की तैयारी करने के लिए काम कर रहे हैं." उन्होंने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों पर पार्टी के दीर्घकालिक फोकस का संकेत दिया.
इससे पहले, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मंगलवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी 5 फरवरी को होने वाले मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनावों के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) को पूर्ण समर्थन देगी.
अजय राय ने कहा, "मिल्कीपुर में, हम अपने सहयोगी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को पूर्ण समर्थन देंगे."
अयोध्या के मेयर भाजपा के लिए बताया गलती ठीक करने का मौका
इस बीच, अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अयोध्या में 2019 के लोकसभा चुनावों की "गलतियां सुधारने" का अवसर प्रदान करते हैं.
त्रिपाठी ने कहा, "हम मिल्कीपुर उपचुनावों का इंतजार कर रहे थे. यह अयोध्या में लोकसभा चुनावों की गलतियों को सुधारने का एक अवसर है. लोग भी भाजपा का समर्थन करने और मिल्कीपुर उपचुनावों के माध्यम से सही संदेश भेजने का इंतजार कर रहे हैं."
त्रिपाठी ने कहा- रोजगार और अयोध्या के विकास को पार्टी बनाएगी मुद्दा
त्रिपाठी ने इस बात पर भी जोर दिया कि उपचुनावों के लिए भाजपा का एजेंडा अयोध्या में विकास और रोजगार के अवसरों पर केंद्रित होगा.
उन्होंने कहा, "चुनाव का एजेंडा अयोध्या का विकास और रोजगार के अवसर होंगे. विपक्ष ने केवल अपने परिवारों के लिए काम किया और मिल्कीपुर के लिए कुछ नहीं किया. इसलिए इस बार जनता जवाब देगी."
समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद मिल्कीपुर सीट पर चुनाव जरूरी हो गया था, जिन्होंने फैजाबाद लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सीट छोड़ दी थी. उन्होंने भाजपा के लल्लू सिंह को हराया, जिसे उत्तर प्रदेश में एनडीए के लिए बड़ा झटका माना गया.
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