FY 24-25 के पहले पांच महीनों में UPI लेन-देन 1,669 लाख करोड़ रुपये पहुंचा, वित मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े

    केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में डिजिटल भुगतान का मूल्य बढ़कर 1,669 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

    UPI transactions reached Rs 1669 lakh crore in the first five months of FY 24-25 Finance Ministry released data
    FY 24-25 के पहले पांच महीनों में UPI लेनदेन 1,669 लाख करोड़ रुपये पहुंचा, वित मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े/Photo- ANI

    नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में डिजिटल भुगतान का मूल्य बढ़कर 1,669 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

    मंत्रालय ने कहा कि इसी अवधि के दौरान डिजिटल भुगतान का लेनदेन 8,659 करोड़ तक पहुंच गया है. यूपीआई लेनदेन का मूल्य 138 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) पर 1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 200 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसके अलावा, पिछले 5 महीनों (अप्रैल-अगस्त वित्त वर्ष 2024-25) में कुल लेनदेन मूल्य बढ़कर 101 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

    भारत में डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है

    वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि भारत में डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसमें डिजिटल भुगतान लेनदेन की कुल संख्या वित्त वर्ष 2017-18 में 2,071 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 18,737 करोड़ हो गई है, जो 44 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) है.

    मंत्रालय ने कहा, "चालू वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी 5 महीनों (अप्रैल-अगस्त) के दौरान लेनदेन की मात्रा 8,659 करोड़ तक पहुंच गई है. लेनदेन का मूल्य 11 प्रतिशत की सीएजीआर पर 1,962 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3,659 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसके अतिरिक्त, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी 5 महीनों (अप्रैल-अगस्त) में कुल लेनदेन मूल्य बढ़कर 1,669 लाख करोड़ रुपये हो गया है."

    यूपीआई भारत के डिजिटल पेमेंट की आधारशिला बना है

    मंत्रालय ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यूपीआई भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र की आधारशिला बना हुआ है. इसने कहा कि यूपीआई ने देश में डिजिटल भुगतान में क्रांति ला दी है, वित्त वर्ष 2017-18 में यूपीआई लेनदेन 92 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 13,116 करोड़ हो गया है, जो 129 प्रतिशत की सीएजीआर है.

    वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा कि यूपीआई जैसी तीव्र भुगतान प्रणालियों को अपनाने में तेजी लाने के प्रयासों ने वित्तीय लेनदेन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव किया है, जिससे लाखों लोगों के लिए वास्तविक समय, सुरक्षित और निर्बाध भुगतान संभव हो गया है.

    यूपीआई और रुपे दोनों ही विश्व स्तर पर तेजी से विस्तार कर रहे हैं

    अन्य देशों में भारत के डिजिटल भुगतान विस्तार पर प्रकाश डालते हुए मंत्रालय ने कहा कि यूपीआई और रुपे दोनों ही विश्व स्तर पर तेजी से विस्तार कर रहे हैं, जिससे विदेशों में रहने वाले और यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए निर्बाध सीमा पार लेनदेन संभव हो रहा है.

    वर्तमान में, यूपीआई 7 देशों में उपलब्ध है, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस जैसे प्रमुख बाजार शामिल हैं, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भुगतान करने और प्राप्त करने की सुविधा मिलती है.

    मंत्रालय के अनुसार, इस विस्तार से धन प्रेषण प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा, वित्तीय समावेशन में सुधार होगा तथा वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में भारत का कद बढ़ेगा.

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