UP Panchayat chunav: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब हलचल तेज़ होती दिख रही है. अभी आधिकारिक तौर पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीख़ों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन चुनावी मशीनरी धीरे-धीरे गति पकड़ रही है. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों की शुरुआत कर दी है. 2026 के जनवरी-फरवरी में संभावित पंचायत चुनावों के मद्देनज़र आयोग ने 67 जिलों में मतपेटिकाओं की आपूर्ति के लिए ई-टेंडर जारी कर दिए हैं. कुल 75 जिलों में से ये टेंडर प्रक्रिया पहले चरण का हिस्सा हैं.
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी ई निविदा सूचना के संदर्भ में कहा गया है - राज्य निर्वाचन आयोग, उ०प्र० द्वारा प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2026 हेतु 1,27,863 (एक लाख सत्ताईस हजार आठ सौ तिरसठ) CR Sheet Grade CR1 से निर्मित मतपेटिकाओं की आपूर्ति 4 माह के अन्दर प्रदेश के 67 जनपदों को किये जाने हेतु ई-निविदा आमंत्रित की जाती है.
2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी का पहला चरण
गौरतलब है कि साल 2027 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पंचायत चुनावों को एक राजनीतिक सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. पंचायत चुनाव न केवल सत्ता के समीकरण तय करते हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक पकड़ को भी दर्शाते हैं. प्रदेश में मौजूद 57,691 ग्राम पंचायतें, 826 ब्लॉक और 75 जिला पंचायतें इस चुनाव को और भी अहम बना देते हैं. हर बार देखने को मिला है कि सत्ता में बैठी पार्टी को स्थानीय निकाय चुनावों में बढ़त मिलती है, जिससे उनका मनोबल भी मजबूत होता है.
मतपेटिकाओं की खरीद की शुरुआत
चुनाव आयोग की तरफ से जारी जानकारी के मुताबिक, 6 जून से ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी और 9 जून को टेंडर खोले जाएंगे. ये प्रक्रिया आगामी चार महीनों में पूरी कर ली जाएगी. आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इसके लिए आवश्यक बजट की व्यवस्था पहले ही कर ली गई है.
जुलाई से मतदाता सूची का पुनरीक्षण
चुनाव की तैयारियों के अगले चरण में आयोग जुलाई 2025 से मतदाता सूची का पुनरीक्षण अभियान शुरू कर सकता है. अभी तक विस्तृत कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है, लेकिन संकेत हैं कि दिसंबर 2025 तक वोटर लिस्ट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इसके बाद सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. आयोग का प्रयास है कि सभी कार्य समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरे किए जाएं ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा न आए.
राजनीतिक दलों की रणनीति भी शुरू
चुनाव आयोग की तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों ने भी अपना होमवर्क शुरू कर दिया है. पंचायत चुनावों में ग्रामीण मतदाता बड़ी भूमिका निभाते हैं, इसलिए हर दल अपनी रणनीति को ज़मीनी स्तर पर उतारने में जुटा है. उम्मीद की जा रही है कि आगामी महीनों में राजनीतिक गतिविधियां और तेज़ होंगी और गांव-गांव में चुनावी सरगर्मी दिखाई देने लगेगी.
ये भी पढ़ें: योगी सरकार की अयोध्या को बड़ी सौगात, रामनगरी में 900 करोड़ की लागत से बनेगा भरत पथ, 20 KM होगी लंबाई