'ड्रोन गिराओ-इनाम पाओ'... यूक्रेन ने अपने नागरिकों को दिया ऑफर, रूस से लड़ने पर मिलेगी 2 लाख सैलरी

    रूस के लगातार बढ़ते ड्रोन हमलों के बीच यूक्रेन ने एक अनोखी और आक्रामक रणनीति अपनाई है.

    Ukrainian citizens get Rs 2 lakh reward for fighting against Russia
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    कीव: रूस के लगातार बढ़ते ड्रोन हमलों के बीच यूक्रेन ने एक अनोखी और आक्रामक रणनीति अपनाई है. अब यूक्रेन के आम नागरिक भी देश की हवाई रक्षा का हिस्सा बन सकते हैं और इसके लिए उन्हें मिलेगा आर्थिक इनाम. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के नेतृत्व में शुरू की गई इस नई योजना का सीधा मकसद है, रूसी ड्रोन हमलों को रोकना और नागरिकों को युद्ध में सक्रिय रूप से जोड़ना.

    क्या है 'ड्रोन गिराओ, इनाम पाओ' योजना?

    यूक्रेन सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत जो भी स्वयंसेवक रूसी ड्रोन को मार गिराने में सफल होंगे, उन्हें हर महीने 1 लाख ह्रिवनिया (लगभग ₹2.2 लाख रुपये) का इनाम दिया जाएगा. यह योजना यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव पर आधारित है और सरकार ने इसे अगले दो वर्षों तक लागू करने की मंजूरी दे दी है.

    सरकारी प्रवक्ता तारास मेल्निचुक ने कहा, "हम अपने नागरिकों को इस युद्ध में भागीदार बना रहे हैं. यह केवल एक सैन्य संघर्ष नहीं, बल्कि एक सामूहिक राष्ट्रीय प्रयास है."

    इस योजना में स्थानीय नागरिक, क्षेत्रीय रक्षा बल, अर्धसैनिक इकाइयों और प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को शामिल किया जाएगा. इन्हें ड्रोन डिटेक्शन, ट्रैकिंग और इंटरसेप्शन की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. ड्रोन गिराने के लिए इन्हें हथियार, यूएवी और छोटे मानव-चालित विमानों का भी उपयोग करने का अवसर मिलेगा.

    क्यों उठाया यूक्रेन ने यह कदम?

    रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अपने ड्रोन हमलों में हाल ही में तेजी ला दी है, खासकर ईरान निर्मित शाहेद -136 जैसे आत्मघाती ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है. इन ड्रोन हमलों का मुख्य निशाना यूक्रेनी बिजली संयंत्र, ईंधन भंडारण केंद्र और नागरिक बुनियादी ढांचे हैं. खार्किव जैसे सीमावर्ती शहर इन हमलों से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.

    यूक्रेन के पास फिलहाल मजबूत हवाई रक्षा तंत्र है, लेकिन रूसी ड्रोन हमलों की तीव्रता और संख्या को देखते हुए यह व्यवस्था भी चुनौतीपूर्ण होती जा रही है. ऐसे में यूक्रेन सरकार अब नागरिकों की शक्ति को भी इस लड़ाई में शामिल कर रही है.

    यूक्रेनी ड्रोन शक्ति कर रही है जवाबी हमला

    यूक्रेन भी अब ड्रोन युद्ध में पीछे नहीं है. तुर्की निर्मित बायराक्तर TB2 और देश में विकसित AI-सक्षम एफपीवी ड्रोन के जरिए यूक्रेनी सेना ने हाल ही में 'ऑपरेशन स्पाइडरवेब' जैसे अभियानों में रूसी डिपो, एयरबेस और ईंधन केंद्रों को गहरे भीतर जाकर निशाना बनाया है.

    यूक्रेन लगातार अपने ड्रोन युद्ध कौशल को विकसित कर रहा है, जिसमें विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, एंटी-ड्रोन गन और मोबाइल रडार तकनीक शामिल हैं. अब इस नई योजना से यूक्रेन अपने नागरिकों को भी एक ‘सशस्त्र नेटवर्क’ में तब्दील करने जा रहा है, जो रूसी ड्रोन के खिलाफ एक सामूहिक हवाई रक्षा बना सकता है.

    रणनीतिक संदेश

    यह योजना सिर्फ सैन्य प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक संदेश भी है. यूक्रेन यह दिखाना चाहता है कि उसके नागरिक न केवल युद्ध के शिकार हैं, बल्कि अब वे इस लड़ाई में सक्रिय रूप से भाग भी लेंगे. इससे रूस को अपने ड्रोन हमलों की लागत और प्रभावशीलता दोनों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया जा सकता है.

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