तनाव के बीच तुर्की ने पाकिस्तान भेजा अपना नेवी युद्धपोत, क्या हो रही है भारत को घेरने की प्लानिंग?

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तुर्की नौसेना का युद्धपोत ‘टीसीजी बुयुकादा’ पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर आकर लंगर डाल चुका है.

    Amidst the tension, Turkey sent its navy warship to Pakistan, is it planning to surround India?
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    इस्लामाबाद/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तुर्की नौसेना का युद्धपोत ‘टीसीजी बुयुकादा’ पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर आकर लंगर डाल चुका है. जहां पाकिस्तान ने इस यात्रा को एक 'शिष्टाचार भेंट' करार दिया है, वहीं सुरक्षा विशेषज्ञ इसे दक्षिण एशिया के सुरक्षा समीकरणों में एक रणनीतिक संदेश के रूप में देख रहे हैं.

    आधिकारिक और गैर-आधिकारिक चिंताएं

    पाकिस्तानी सेना के अनुसार, इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय नौसैनिक सहयोग, प्रशिक्षण आदान-प्रदान और साझा सुरक्षा हितों पर संवाद करना है. कराची में तुर्की जहाज का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया, और दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच मिलकर गतिविधियों को अंजाम देने की योजना है.

    हालांकि, भारत में सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह केवल ‘गुडविल मिशन’ नहीं है. तुर्की और पाकिस्तान के बीच बढ़ती सैन्य घनिष्ठता के मद्देनज़र यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक और आर्थिक प्रतिबंधों की श्रृंखला शुरू की है.

    तुर्की-पाकिस्तान रक्षा सहयोग: नया अध्याय?

    तुर्की और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंधों में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. तुर्की ने पाकिस्तान को सशस्त्र ड्रोन, नौसैनिक युद्धपोत, और रडार सिस्टम जैसी रक्षा प्रणालियाँ उपलब्ध कराई हैं. ‘टीसीजी बुयुकादा’ एक मिलगेम-क्लास कार्वेट है, जो तुर्की की घरेलू युद्धपोत निर्माण क्षमताओं का प्रतीक है. इसकी तैनाती स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि तुर्की अब दक्षिण एशियाई रणनीतिक संतुलन में अपनी भूमिका को लेकर सक्रिय है.

    भारत की प्रतिक्रिया और राजनयिक प्रतिक्रम

    22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की मौत और कई के घायल होने के बाद भारत ने पाकिस्तान पर व्यापक कूटनीतिक दबाव बनाना शुरू किया है. सरकार ने:

    • डाक सेवाओं को तत्काल प्रभाव से बंद किया
    • अटारी-वाघा सीमा को अस्थायी रूप से बंद किया
    • सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया
    • पाकिस्तानी नागरिकों की वीजा समाप्ति की प्रक्रिया तेज कर दी

    इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह TRF (The Resistance Front) ने ली है. हमले में दो पाकिस्तानी आतंकियों की संलिप्तता की पुष्टि भारत सरकार ने की है.

    क्या यह समुद्री शक्ति संतुलन का संकेत है?

    ‘टीसीजी बुयुकादा’ की यात्रा को सामान्य राजनयिक आदान-प्रदान मानने से ज्यादा, विशेषज्ञ इसे हिंद महासागर क्षेत्र में उभरती ध्रुवीयता का हिस्सा मान रहे हैं. चीन, तुर्की और पाकिस्तान के बीच बढ़ती साझेदारी, भारत को अपनी सागर सुरक्षा नीति (SAGAR) के तहत नए विकल्पों की ओर सोचने पर मजबूर कर सकती है.

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