Mahashivratri 2023: मैं शिव का हूँ, शिव मेरे हैं... आज महाकाल का दिन है , क्योंकि आज महाशिवरात्रि है. भोलेनाथ के भक्तों के लिए अपने बाबा की सेवा करने के लिए आज एक ऐसा उत्सव हैं, जिसका इंतज़ार वे पूरे साल बेहद ही दिल से करते हैं.
इसी कड़ी में आज यानी महाशिवरात्रि वाले दिन बाबा के भक्त बाबा की आराधना अलग-अलग ढंग से करते हैं, तो वहीं आइये जानते हैं कैसे भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और हमे शिव-शंभु की आराधना में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, साथ ही आइये जानते हैं भगवान शिव और शिवलिंग को लेकर कई मान्यताएं।
आज है महाशिवरात्रि...कहीं आप भी तो नहीं खा लेते शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद; जाने कैसे करें शिव आराधना
महादेव के ऊपर चढ़ा प्रसाद हमे कभी भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। दरअसल, इसके पीछे एक बहुत पौराणिक कहानी है, जिसके अनुसार शिव के मुख से चण्डेश्वर नामक गण प्रकट हुआ था. भूत-प्रेतों का प्रधान चण्डेश्वर ही हैं और शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद चण्डेश्वर का भाग होता है.
चण्डेश्वर का अंश यानी शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण करना भूत-प्रेतों का अंश ग्रहण करना माना जाता है. इसलिए कहा जाता है कि शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए
किसी भी धातु से बनी हुई शिवलिंग या फिर पारद के शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद को चण्डेश्वर का अंश नहीं माना जाता. यह महादेव का भाग होता है. इसलिए इसे आप लोग ग्रहण कर सकतें हैं.
शिव शंभू को कभी भी लाल फूल नहीं चढ़ाने चाहिए क्योंकि शंकर जी को लाल फूल बिलकुल भी पसंद नहीं हैं. उन्हें कनेर या अपराजिता के फूल चढ़ाने चाहिए. ये उन्हें बहुत प्रिय हैं.
वैसे अपनी पूजा-पाठ में हम कई देवी-देवताओं को सिंदूर अर्पित कर देतें है लेकिन शंकर जी को कभी भी सिंदूर न चढ़ाएं. दरअसल, सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है और शिव संहारक हैं. ऐसे में उन्हें सिंदूर चढ़ाना अशुभ हो सकता है.