और अब Kuwait में भी Namo Namo, पीएम मोदी की कुवैत यात्रा का संपूर्ण विश्लेषण, 'The JC Show'

    भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र के 'The JC Show' का लाखों-करोड़ों दर्शकों को इंतजार रहता है. इस बार The JC Show प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की कुवैत यात्रा को लेकर है. इस बार इस शो का नाम है- और अब कुवैत में भी NAMO NAMO. आइए जानते हैं इस शो में Man of Prediction कहे जाने वाले डॉ. जगदीश चंद्र का विश्लेषण.

    The JC Show Namo Namo in Kuwait complete analysis of PM Modis Kuwait visit
    The JC Show/Photo- Bharat 24

    नई दिल्ली : भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र के 'The JC Show' का लाखों-करोड़ों दर्शकों को इंतजार रहता है. इस बार The JC Show प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की कुवैत यात्रा को लेकर है. इस बार इस शो का नाम है- और अब कुवैत में भी NAMO NAMO. आइए जानते हैं इस शो में Man of Prediction कहे जाने वाले डॉ. जगदीश चंद्र का विश्लेषण.

    गौरतलब है कि कुवैत के महामहिम अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-22 दिसंबर 2024 को कुवैत की आधिकारिक यात्रा पर गए थे. यह उनकी कुवैत की पहली यात्रा थी. पीएम मोदी 21 दिसंबर 2024 को कुवैत में 26वें अरब खाड़ी कप के उद्घाटन समारोह में महामहिम अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के 'सम्मानित अतिथि' के रूप में शामिल हुए.

    सवाल- आज के JC Show की हेडलाइन है 'और अब कुवैत में भी नमो नमो' आखिर क्या है इसका तात्पर्य?

    इस सवाल के जवाब में डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "इसका तात्पर्य यह है कि नरेंद्र मोदी पूरे कुवैत क्षेत्र में नायकों में से एक बनकर उभरे हैं. वास्तव में अब तक, वह सभी खाड़ी देशों में सबसे लोकप्रिय व्यक्तियों में से एक है. चाहे वह संयुक्त अरब अमीरात हो, सऊदी हो, कतर हो, बहरीन हो या कोई अन्य देश हो. इनफैक्ट कुवैत के एक बड़े पत्रकार ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी इंटरनेशनल गल्फ हीरो हैं. कतर में मेरे एक मित्र हैं, मैंने उनसे दौरे के बारे मे पूछा, उन्होंने कहा कि कुवैत में नमो-नमो छाया हुआ है. यहां पर भी ऐसा लगा जैसे मैं दिल्ली या अहमदाबाद में हूं. वो यहां पर इतने पॉपुलर हैं कि अगर वे हमारे यहां से चुनाव भी लड़े तो जीत जाएंगे."

    सवाल- एक बार फिर मुस्लिम राष्ट्र कुवैत ने भी नरेंद्र मोदी को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से नवाजा है, मुस्लिम राष्ट्रों में नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता को आप कैसे देखते हैं ?

    इस सवाल के जवाब में डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "मुझे ऐसा लगता है कि मुस्लिम राष्ट्रों में एक बहस छिड़ी हुई है, एक प्रतियोगिता छिड़ी हुई है नरेंद्र मोदी को सम्मानित करने की. 10-11 साल में 14 से ज्यादा यात्राएं वो गल्फ कंट्री की कर चुके हैं. 7 UAE की कर चुके हैं, 2 कतर, 2 सऊदी, 1 बहरीन की कर चुके हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि सभी मुस्लिम राष्ट्र नरेंद्र मोदी को सम्मानित कर चुके हैं. ये उनका 20वां सम्मान था, नरेंद्र मोदी दुनिया के पहले नेता हैं जिन्हें इतनी संख्या में सम्मानित किया गया हो. भारत में उनकी छवि एक प्रो हिंदू लीडर की है, एक प्रो हिंदू प्रधानमंत्री की है. वो तटस्थ हैं, लेकिन एक धारणा है कि वो प्रो हिंदू लीडर है. गल्फ के अंदर उनका रोल एक धर्मनिरपेक्ष शासक का है, एक धर्मनिरपेक्ष राजा का है. मैंने पहले भी कहा था कि भारत की धरती पर नरेंद्र मोदी एक चमत्कार हैं. इसीलिए देश के कई कोनों से आवाज उठती है कि 'मोदी हैं तो मुमकिन है'."

    सवाल- क्या कारण है कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद गल्फ के इस्लामिक राष्ट्रों ने कश्मीर पर पाकिस्तान को समर्थन देना बंद कर दिया है?

    डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "उन्होंने अनुच्छेद 370 की जमीनी हकीकत से समझौता कर लिया है. अपना-अपना बिजनेस इंटरेस्ट दिखता है. भारत 140 करोड़ लोगों का एक बड़ा बाजार है. नरेंद्र मोदी के आभा मंडल से सब प्रभावित होते हैं."

    सवाल- कुवैत में मोदी का ये कहना कि आप सिर्फ 4 घंटे दूर लेकिन हमें यहां आने में 4 दशक लग गए आखिर इसके क्या मायने है?

    डॉ जगदीश चंद्र का जवाब, "इसके दो मायने हैं. एक तो व्यंग है और दूसरा मन की पीड़ा है. उनके मन की पीड़ा थी कि पिछले 43 साल में इतने प्रधानमंत्री आए लेकिन कोई यहां नहीं आया. इसलिए उन्होंने कहा कि मैं 4 घंटे दूर हूं आपसे, लेकिन आज आने का मौका मिला, किसी ने तो पहल की, नरेंद्र मोदी ने पहल की."

    सवाल- नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 की तुलना में New Kuwait Vision 2035 को आप कैसे देखते हैं?

    इस सवाल के जवाब में डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "ये दोनों सिमिलर है. एक तरह से सहयोगी संस्था है विकास का. अच्छी बात है कि इन राष्ट्रों में इस तरह की बात पर एकता का भाव दिखता है. वसुधैव कुटुंबकम की जो थ्योरी है, वो एक तरह से एक्सटेंशन है. कुवैत में रहने वाले भारतीय New Kuwait Vision 2035 में लगे हुए हैं. भारत के लोग अपने काम में लगे हुए हैं, 2047 में लगे हुए हैं. सुन कर अच्छा लगा कि भारत ही नहीं, कुवैत भी इन्हीं पदचिन्हों पर चल रहा है. एक अच्छा संकेत है कि दो राष्ट्र एक ही लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं."

    सवाल- क्या भारत कुवैत समझौते से चीन की चाल धीमी होगी?

    डॉ जगदीश चंद्र का जवाब, "बेशक, इन सभी घटनाक्रमों से चीन हतोत्साहित होगा. आप देखिए, जो समझौता Defence Co-operation का हुआ है, कुवैत के साथ जो एमओयू साइन हुआ है व बहुत ही विस्तार है, उसमें दोनों सेनाएं आपस में एक दूसरे को प्रशिक्षण देंगी, इक्विपमेंट का आदान प्रदान भी होगा, स्ट्रेटजी का आदान प्रदान भी होगा, तो काफी व्यापक सहयोग है Defence का तो चीन के हौंसले पस्त हो गए हैं. लगता है कुवैत को सुरक्षा देने के बहाने Indian forces, Indian Military presence बढ़ेगी."

    सवाल- आखिर क्यों है कुवैत भारत के लिए महत्वपूर्ण और कैसे रहे हैं इन दोनों राष्ट्रों के आर्थिक और व्यापारिक संबंध?

    इस सवाल के जवाब में डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "संबंध बहुत मजबूत हैं और सबसे बड़ी बात ये है कि भारत के 10 लाख लोग वहां पर काम करते हैं. 5 अरब डॉलर का प्रेषण अपने परिवारों को भेजते हैं. वो इंडियन इकोनॉमी में आता है, इंडिया की इकोनॉमी मजबूत होती है. सेकंड देखिए वहां जो ट्रेड रिलेशनशिप है दोनों राष्ट्रों की वहां जो इकोनॉमिक रिलेशनशिप है, बहुत मजबूत है. 14 अरब डॉलर का सालाना जो है व्यापार होता है और अगर आप सारे Gulf Countries की बात करते हैं तो 184 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है, तो आर्थिक कारण बहुत मजबूत हैं, तीसरा ऑयल फैक्टर है. ऑयल प्रोडक्शन में कुवैत छठा राष्ट्र है, भारत के लिए भी छठा राष्ट्र है कुवैत जिससे हम ऑयल खरीदते हैं. 3% हमारी जो ऊर्जा की जरुरत है, उस पर निर्भर रहते हैं."

    सवाल- क्या यह सच है कि 1960 के दशक तक कुवैत में भी लेन- देन में भारतीय रुपया अर्थात Indian rupee चलता था?

    डॉ जगदीश चंद्र का जवाब, "नरेंद्र मोदी नारे गढ़ने में माहिर हैं. नए-नए विचारों को लाने का, पुरानी बातों को खोजकर लाएंगे, जिससे लोगों की दिलचस्पी बढे. अब उन्होंने एक बात कह दी भारतीय रुपए में व्यापार होता था, फैक्ट है, 1961 तक होता था, तो देश के लोगों में जिज्ञासा बढ़ी. अब उन्होंने एक बात कह दी भारतीय रुपए में व्यापार होता था, फैक्ट है, 1961 तक होता था, तो देश के लोगों में जिज्ञासा बढ़ी. मानसिक रूप से अब भारतीय पर्यटक कुवैत के और भी करीब आ रहे हैं. अब नरेन्द्र मोदी ने UPI का दे दिया, यह भविष्य के लिए एक अच्छी शुरुआत है, UPI का इस्तेमाल करिए."

    सवाल- कुवैत में भारतीय समुदाय के सामने जब नरेंद्र मोदी ने भारत की पिछले 11 वर्ष की उपलब्धियों का जिक्र किया तो लोग रोमांचित हो उठे, आखिर ऐसा क्या कहा नरेंद्र मोदी ने?

    डॉ जगदीश चंद्र का जवाब, "रोमांचित होना स्वाभाविक था, कुछ लोग देश को 10 साल पहले छोड़कर गए, कुछ लोग 15 साल पहले, नरेंद्र मोदी के शासन से पहले भी लोग गए होंगे, अब नरेंद्र मोदी ने उनको बताया है कि भारत क्या है. अखबार में भी पढ़ते हैं, देखते हैं एक बदला हुआ भारत, मेरा मुल्क कैसा था. मेरा मुल्क अब कैसा हो गया है. इसका श्रेय नरेंद्र मोदी को जाता है, उनकी लीडरशिप को जाता है. नरेंद्र मोदी ने वहां बताया कि आज हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, जल्द ही तीसरी होंगे. fintech में बताया कि हम नंबर 1 हैं, दुनिया में जो मोबाइल बनते हैं उसमें हम नंबर 2 पर हैं. स्टार्टअप्स में हम नंबर 3 पर हैं, देश में 80 करोड़ लोगों को हम खाना दे रहे हैं. हर घर जल योजना, उज्ज्वला योजना, गरीबों के लिए 6 करोड़ मकान बनाने की योजना है. ऐसी ही कई और योजनाएं हैं, तो ये सब बातें प्रधानमंत्री के मुंह से सुनकर रोमांच तो आता है."

    सवाल- प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच जो द्विपक्षीय समझौते and Mous साइन हुए हैं, उनमें आपको क्या खास बात देखने को मिली?

    इस सवाल के जवाब में डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "सबसे मेन है रक्षा सहयोग, जो कि काफी अत्यावश्यक है. फिर एनर्जी सहयोग है, IT सहयोग है, इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोग है और कई सारे सेक्टर हैं जिसमें व्यापार है, निवेश हैं. एक नई संधि हो गई है, नई द्विपक्षीय निवेश संधि. इससे इन सब देशों के बीच अवसर बढ़ेंगी. समझौता तो कुल मिलाकर दो दर्जन से ज्यादा साइन हुए हैं. एक दर्जन implement हो गए हैं, एक दर्जन pipeline में हैं, तो आने वाले दिन आशा की किरण हैं. ये सारी चीजें मिलकर विकसित भारत की दिशा में दो कदम और आगे बढ़ाएंगी."

    सवाल- आतंकवाद को रोकने की दिशा में नरेंद्र मोदी और कुवैत के अमीर शाह के बीच क्या वार्ता हुई?

    डॉ जगदीश चंद्र का जवाब, "एक तो Cross border terrorism को लेकर बात हुई है. एक एंटी जिहाद की बात हुई है, जो इस्लामिक जिहाद है. जो लोग इनको प्रोटेक्शन दे रहे हैं, फंडिंग कर रहे हैं, उस तंत्र को हमें नष्ट करना चाहिए. उनके खिलाफ हमें मिलकर कार्रवाई करनी चाहिए और हम दोनों देश मिलकर कार्रवाई करेंगे."

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