'टॉप TV एंकर्स के लिए खतरे का संकेत', पीएम मोदी के पॉडकास्ट इंटरव्यू पर बोले डॉ. जगदीश चंद्र, The JC Show

    इस बार The JC Show प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के पहले पॉडकास्ट को लेकर है. इस बार इस शो का नाम है- 'The JC Show: मोदी दिल से...' आइए जानते हैं इस शो में Man of Prediction कहे जाने वाले डॉ. जगदीश चंद्र का विश्लेषण.

    The JC Show Danger signal for top TV anchors said Dr. Jagdish Chandra on PM Modis podcast interview
    The JC Show

    नई दिल्ली : भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र के 'The JC Show' का लाखों-करोड़ों दर्शकों को इंतजार रहता है. इस बार The JC Show प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के पहले पॉडकास्ट को लेकर है. इस बार इस शो का नाम है- 'The JC Show: मोदी दिल से...' आइए जानते हैं इस शो में Man of Prediction कहे जाने वाले डॉ. जगदीश चंद्र का विश्लेषण.

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का पॉडकास्ट 10 जनवरी को रिलीज हुआ. पीएम मोदी ने जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत के साथ पॉडकास्ट किया. यह पीएम मोदी का पहला पॉडकास्ट इंटरव्यू था.

    सवाल- जो आज की हेडलाइन है उसके मायने क्या है?

    इस सवाल के जवाब में डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "यह इंटरव्यू एक ताजी हवा का झोंका है, जो नरेंद्र मोदी के दिल में करीब से झांकने का अवसर देता है. यह पारंपरिक मीडिया से संचार के आधुनिक चैनलों की ओर एक नए बदलाव का संकेत देता है. आप कह सकते हैं कि यह मोदी के बचपन, शिक्षा, राजनीतिक यात्रा, नेतृत्व और जोखिम लेने की क्षमता पर उनके स्पष्ट विचारों को भी साझा करता है. यह उनके जीवन के अन्य पहलुओं के अलावा, उनकी दिवंगत मां के प्रति उनके प्यार और सम्मान को उजागर करता है. यह हमें विकसित भारत 2047 के लिए उनकी विचारधारा और आकांक्षाओं की एक झलक प्रदान करता है."

    सवाल- नरेंद्र मोदी ने अपना पहला पॉडकास्ट इंटरव्यू मीडिया के नामचीन पत्रकारों को देने के बजाय प्राइवेट क्षेत्र के नौजवान-होनहार निखिल कामथ को दिया है, इस development को आप कैसे देखते हैं?

    डॉ जगदीश चंद्र की जवाब- "यह नरेंद्र मोदी का नया प्रयोग है, जो अंततः शीर्ष टीवी एंकरों के एकाधिकार या साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया है जो पिछले कुछ दशकों से टीवी स्क्रीन पर राज कर रहे हैं. वास्तव में आप कह सकते हैं कि यह अप्रत्यक्ष रूप से एंकरों का बहिर्गमन या उन्हें दरकिनार करना है, जिन्हें अब अपनी नौकरी बचाने और टेलीविजन उद्योग में विकास सुनिश्चित करने के लिए कठिन समय का सामना करना पड़ेगा. यह कदम दूसरों के लिए एंकरिंग के व्यवसाय में प्रवेश के लिए नए रास्ते खोलता है. दूसरा परिप्रेक्ष्य यह है कि यह साक्षात्कार राजनीति और उद्यमिता की दुनिया के बीच मौजूदा अंतर को कम करने में मदद करता है."

    सवाल- वर्तमान में न्यूज मीडिया के लिए जो बुरा वक्त चल रहा है उस पर इस नए घटनाक्रम का क्या प्रभाव पड़ेगा?

    इस सवाल के जवाब में डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "आपका कहना सही है कि वक्त बुरा है. मीडिया, न्यूज़ मीडिया इस समय एक डूबता हुआ उद्योग है. अब कितना बुरा है एक छोटा सा उदाहरण देता हूं, एक बहुत बड़े नेटवर्क के यंग CEO ने नए साल पर स्टाफ को भेजा और कहा- अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो जाओ, ये सीरियस बात है. उससे पहले खबर आई कि एक बड़े चैनल के 150 लोग हटा दिए गए, फिर खबर आई कि एक चैनल जो फर्स्ट-5 में रहता है TRP में, वहां 40 लोगों को हटाने का नोटिस है, एक और चैनल है कि उसकी सैलरी 20 दिन बाद जा रही है, एक और चैनल है प्रतिष्ठित, जिसकी तीन दिन सैलरी लेट गई है, यह इन चीज़ों की शुरुआत है, संकट गंभीर है. मैंने पूछा एक CEO से कि इतना Crisis क्यों? उन्होंने कहा कि गवर्नमेंट का सपोर्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं गवर्नमेंट में एक शीर्ष व्यक्ति से मिला था, कहा कि सर मदद कीजिए उन्होंने कहा कि हमारे यहां से मदद नहीं होती, केवल आशीर्वाद मिलता है. गवर्नमेंट का मानना है कि बिजनेस है आपका, आप Profit-Loss सोचकर आइए News Industry में आने के लिए, हमने तो कहा नहीं आपको आने के लिए. गवर्नमेंट का जैसा पहले था उस तरह का सपोर्ट नहीं है. मार्केट में बिजनेस कम है, दूसरा सोशल मीडिया एक्टिव हो गए हैं, तो कुल मिलाकर Crisis है."

    सवाल- जो Podcast किया है Prime Mnister के साथ, क्या आपको भी लगता है कि वो आज तक का सबसे एक्सक्लूसिव इंटरव्यू था?

    डॉ जगदीश चंद्र की जवाब- "हां, कम से कम एक दर्जन एक्सक्लूसिव कंटेंट नरेंद्र मोद ने उनके साथ शेयर किए हैं. जैसे- चीन के राष्ट्रपति और अपने गांव के जुड़ाव का जिक्र... कैसे चीन के दार्शनिक ने दोनों के गांव की यात्रा की, फिर उन्होंने गोधरा का अलग ढंग से जिक्र किया. उन्होंने एक घटना का जिक्र किया-जो मेहसाणा गांव से जुड़ी थी, जहां भैंसों का व्यापार होता था. यूपी से लोग आते थे और भैंसे लेकर जाते थे. वे भैंसें मुंबई जाती थीं और जब दूध देना बंद कर देती थीं, तो वापस गांव लौट आती थीं. नरेंद्र मोदी उस समय रेलवे स्टेशन पर चाय की स्टॉल चलाते थे. मालगाड़ी के इंतजार में 30-40 गाय-भैंस वाले वहां बैठे रहते थे. कम से कम एक दर्जन एक्सक्लूसिव कंटेंट नरेंद्र मोदी ने उनके साथ शेयर किए हैं."

    सवाल- कुछ लोगों का यह कहना है कि यह एक calculated move था, ताकि इन्फ्लुएंसर टारगेट ऑडियंस से जुड़ा जा सके, क्या आप भी ऐसा सोचते हैं?

    इस सवाल के जवाब में डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "नरेंद्र मोदी का एरिया viewership का limited तो है नहीं. 140 करोड़ की जनता है देश में, और उनके लाखों-करोड़ों प्रशंसक हैं. उनमें से ज्यादातर उन्हें देखते हैं. लेकिन आपका ऑब्जर्वेशन सही हो सकता है. नरेंद्र मोदी एक अपडेटेड व्यक्ति हैं जो हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़़े रहते हैं. उनकी एक शानदार मीडिया टीम है, जो उनके प्लान्स को बखूबी अंजाम देती है. यह इंटरव्यू एक एक्सक्लूसिव क्लास के लिए जरूर था, लेकिन इस इंटरव्यू को देश के करोड़ों लोगों ने देखा – चाहे वे एलीट क्लास के हों या नॉन-एलीट क्लास के."

    सवाल- नरेंद्र मोदी का यह पॉडकास्ट इंटरव्यू सुपरहिट फिल्म 'पुष्पा' जैसा लोकप्रिय कैसे हुआ? क्या 'पुष्पा-3' के लिए भी यह इंटरव्यू चुनौती बनेगा?

    डॉ जगदीश चंद्र की जवाब- "नरेंद्र मोदी को भगवान की देन है. वो कहते हैं ना, 'मोदी है तो मुमकिन है.' अचानक मन में ख्याल आया, 2 घंटे का इंटरव्यू दे दिया, और इंटरव्यू सुपरहिट हो गया. करोड़ों दर्शकों ने इसे देखा. पुष्पा-2 चल रही थी, और उसकी टक्कर में आ गया. मतलब, जो ग्लैमर होता है नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू का, उसका रिफ्लेक्शन ही अलग होता है देश के अंदर. ऐसे में मुझे यह पूरा विश्वास है कि जब पुष्पा-3 आएगी और अगर नरेंद्र मोदी का कोई बड़ा इंटरव्यू आएगा तो इनडायरेक्ट या डायरेक्ट कंपटीशन तो रहेगा."

    सवाल- 13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में Z-Morh सुरंग का उद्घाटन करते वक्त मोदी का जो नया लुक सामने आया, उसके बारे में आप क्या कहेंगे?

    डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "वो देश की जनता के हीरो हैं. वो कुछ भी पहन लें, कोई पोस्ट डाल दें, या कोई स्लोगन बना दें, वह सुपरहिट हो जाता है. वहां जो ड्रेस उन्होंने पहना, उसने लोगों को बहुत आकर्षित किया. सारे अखबारों ने इसे फ्रंट पेज पर छापा. उनकी पर्सनालिटी में ऐसी कशिश है कि हर कपड़ा उन्हें सूट करता है. उन्होंने खुद कहा था कि, 'मैं वही पहनूंगा, जो मेरे बदन को सूट करता है.' उनका ड्रेसिंग सेंस बहुत अच्छा है. अखबारों में उनकी जो फोटो छपी थी – एक तो मिलिट्री की ड्रेस में, दूसरा बाघ के साथ शिकार की ड्रेस में, और यह नया फोटो - वह सभी बहुत प्रभावशाली और दिलचस्प थे."

    सवाल- नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों का यह कहना है कि इस उम्र में भी मोदी के चेहरे पर इतना ग्लो अर्थात चमक कैसे?

    डॉ जगदीश चंद्र की जवाब- "उनके चेहरे पर वाकई ग्लो है. लोग भी हैरान होते हैं क्योंकि आम धारणा यह है कि वह केवल 3-4 घंटे ही सोते हैं. वैज्ञानिक, जो नींद पर रिसर्च करते हैं, कहते हैं कि मोदी का output आश्चर्यजनक है. ऐसे output के लिए सामान्यतः 7-9 घंटे की नींद लेनी पड़ती है. फिर भी, मोदी केवल 3-4 घंटे की नींद लेते हैं और उनका output वैसा ही रहता है. यह बात सच है कि मोदी एक चमत्कारिक व्यक्तित्व हैं. 74 की उम्र में वह 27 साल के व्यक्ति की तरह सोचते और काम करते हैं. इंटरव्यू लेने वाले से पूछा भी गया कि उन्होंने मोदी से यह राज़ पूछा कि नहीं? यह छोटी-सी बात भी चर्चा का विषय बन जाती है. मोदी में वह ताकत है जो जनता और दर्शकों को आकर्षित करती है. ग्लो की बात ने अब एक नया नैरेटिव जोड़ दिया है."

    सवाल- प्रधानमंत्री मोदी के तीनों कार्यकाल के दौरान उनकी सोच और कार्यशैली में आप क्या अंतर देखते हैं?

    डॉ जगदीश चंद्र ने कहा, "उन्होंने खुद कहा है कि, 'अपने पहले कार्यकाल में मैं दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था, जिसे मैं सभी राजनीतिक साजिशों की राष्ट्रीय राजधानी कहता हूं. लोग भी मुझे समझने की कोशिश कर रहे थे.' दूसरे कार्यकाल में वह बीते समय के दृष्टिकोण से सोचते थे. तीसरे कार्यकाल में उन्होंने कहा, 'मैं बदल गया हुँ. मेरा मनोबल ऊंचा है और मेरे सपने बड़े हो गये हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि, 'मैं 2047 तक इस देश के लिए सभी समाधान चाहता हूं."

    सवाल- कुछ आलोचकों की निगाह में यह इंटरव्यू एक Extra Ideological Exercise थी, क्या आपको भी ऐसा लगता है?

    डॉ जगदीश चंद्र की जवाब- "निजी जिंदगी और सार्वजनिक जिंदगी का मेल-जोल दिखा. पीएम मोदी की निजी जिंदगी है ही नहीं. पीएम का एक ही एजेंडा है- देश. इस पॉडकास्ट में सारी बातें व्यावहारिक दिखती हैं. निजी जिंदगी और सार्वजनिक जिंदगी का मेल-जोल दिखा."

    सवाल- आखिर क्यों मोदी कभी भी अपने comfort zone में नहीं रहना चाहते हैं? आखिर 24x7 मोदी क्यों हमेशा governance, development और political matters में उलझे रहना चाहते हैं?

    डॉ जगदीश चंद्र की जवाब- "ऐसा इसलिए है क्योंकि नरेंद्र मोदी जन्म से ही एक संघर्षशील और जुझारु स्वभाव के व्यक्ति हैं. उनका पूरा जीवन संकट और अभाव में बीता है. उनके जीवन में comfort zone की कोई परिकल्पना नहीं है. वो खुद कहते हैं कि एक व्यक्ति की विफलता तब होती है जब वो comfort zone में चला जाता है. तो उनके लिए comfort zone और नरेंद्र मोदी, एक विरोधाभास है. उनका कहना है कि एक बिजनेसमैन को भी अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए comfort zone से बाहर निकालना पड़ता है."

    सवाल- आखिर अपने हर भाषण में मोदी क्यों कहते हैं कि Nation First, Country First?

    डॉ जगदीश चंद्र की जवाब- "उनका शुरु से कहना है कि विचारधारा के बिना राजनीति नहीं हो सकती. इसलिए उन्होंने कहा, 'मेरी ideology है nation first.' मैं इसी के साथ आगे बढंगा. उन्होंने वीर सावरकर और महात्मा गांधी का उदाहरण दिया. सावरकर और महात्मा गांधी के रास्ते अलग थे, उनकी विचारधारा अलग थी. लेकिन एक विचारधारा साझा थी – देश को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाना."

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