'जिस दिन चल जाता हूं, ऑलराउंडर बन जाता हूं'- भारतीय क्रिकेटर अक्षर पटेल ने अपनी कॉबिलियत पर की बात

    भारतीय क्रिकेटर ने कहा- मैंने बल्लेबाजी के तौर पर करियर की शुरुआत की थी, इसलिए मुझे लगता है कि बल्लेबाजी ज्यादा पसंद है.

    'जिस दिन चल जाता हूं, ऑलराउंडर बन जाता हूं'- भारतीय क्रिकेटर अक्षर पटेल ने अपनी कॉबिलियत पर की बात
    9 जून 2024 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच में शॉट लगाते हुए क्रिकेटर अक्षर पटेल | Photo- ANI

    नई दिल्ली : भारत के अक्षर पटेल खुद को किस तरह का ऑलराउंडर मानते हैं, इस पर बात करते हुए मजेदार बात कही.अपने करियर के अधिकांश समय से अक्षर को स्पिन-बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में देखा जा रहा है, जो निचले क्रम में बल्लेबाजी में योगदान दे सकते है. हालांकि, पिछले एक साल में उनके बारे में धारणा बदलने लगी है.

    उन्होंने कहा कि वह पहले अपनी बल्लेबाजी के साथ न्याय कर रहे थे, अब वह बेहतर कर रहे हैं.

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    अक्षर पटेल बोले- जिस दिन चल जाता हूं, ऑलराउंडर बन जाता हूं

    उन्होंने मुस्कुराते हुए ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, "जिस दिन जो चल गया, वो ऑलराउंडर बन जाता हूं मैं." उन्होंने कहा, "अगर मेरी गेंदबाजी अच्छी रही तो मैं गेंदबाजी मे ऑलराउंडर हूं, अगर बल्लेबाजी अच्छी रही तो मैं बल्लेबाजी मे ऑलराउंडर हूं. मैंने बल्लेबाज के तौर पर शुरुआत की थी, इसलिए मुझे लगता है कि मुझे अपनी बल्लेबाजी ज्यादा पसंद है. पिछले दो या तीन सालों में मैं जिस तरह की बल्लेबाजी कर रहा हूं, मुझे लगता है कि मैं अब सक्षम हूं. मैं पहले के सालों में अपनी बल्लेबाजी के साथ न्याय नहीं कर रहा था.

    अक्षर पटेल तीसरे चौथे नंबर किए हैं कई सारे कमाल

    इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 में दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलते हुए, अक्षर को फ्लोटर के तौर पर इस्तेमाल किया गया और 30 वर्षीय खिलाड़ी ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया. उन्होंने तीसरे या चौथे नंबर पर आए और कुछ बेहतरीन स्ट्रोक खेलकर प्रशंसकों का मनोरंजन किया.

    टी20 विश्व कप के दौरान, उन्हें ग्रुप स्टेज में पाकिस्तान के खिलाफ फ्लोटर के तौर पर इस्तेमाल किया गया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में भी, जहां उन्होंने महत्वपूर्ण 47 रन बनाए.

    उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में अपनी शानदार गेंदबाजी से प्रभावित किया. लेकिन फाइनल में, हेनरिक क्लासेन ने उन्हें मैदान के चारों ओर मारा और उन्होंने 15वें ओवर में 24 रन दिए. गेंद के साथ अपनी कमियों के बावजूद, अक्षर ने 31 गेंदों पर 47 रनों की तेज पारी खेलकर भारत को प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी.

    भले ही अक्षर अर्धशतक बनाने से चूक गए थे, लेकिन विराट कोहली और शिवम दुबे ने भारत को 176/7 तक पहुंचाने के लिए अंतिम रूप दिया. क्लासेन की धज्जियां उड़ाने के बावजूद, भारत ने अपने स्कोर का बचाव किया और 13 साल से चले आ रहे आईसीसी विश्व कप ट्रॉफी पाने की चाह को खत्म किया.

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