पटना (बिहार): राजद नेता तेजस्वी यादव ने कथित प्रश्नपत्र लीक होने के बाद फिर से परीक्षा की मांग कर रहे BPSC उम्मीदवारों द्वारा चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर बिहार सरकार की आलोचना की. यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठाया और निष्पक्ष समाधान की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "अगर (BPSC) प्रश्नपत्र लीक हुआ था, तो सभी के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए."
क्या बोले तेजस्वी यादव?
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "क्या यहां (बिहार में) कोई सरकार है भी? सीएम नीतीश कुमार अब निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं. वे अब सिर्फ एक चेहरा हैं. अगर (BPSC) प्रश्नपत्र लीक हुआ था तो सभी के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए."
इस बीच यादव ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) उम्मीदवारों के विरोध प्रदर्शन से निपटने के राज्य सरकार के तरीके को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार केवल भ्रष्ट लोगों की है.
'जब हमारी सरकार थी, तब युवा खुश थे'
राजद नेता ने कहा, "यहां कोई सरकार नहीं है. सीएम सभी मुद्दों पर चुप हैं. जब हमारी सरकार थी, तब युवा खुश थे. आज (नीतीश कुमार की सरकार में) उनके शरीर पर सिर्फ निशान हैं. सीएम कहीं खो गए हैं. ऐसा लगता है कि वे इतिहास बन गए हैं और राज्य में कोई सीएम नहीं है. यह सरकार केवल भ्रष्ट लोगों की है."
परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि पेपर लीक के आरोप निराधार हैं और किसी भी सबूत से समर्थित नहीं हैं. आयोग ने फैसला किया है कि 4 जनवरी (2025) को प्रारंभिक परीक्षा (उन छात्रों की जो बापू परीक्षा केंद्र में थे) आयोजित की जाएगी. उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य महीने के अंत तक परिणाम जारी करना है ताकि मुख्य परीक्षा अप्रैल तक आयोजित की जा सके. 911 केंद्रों से कोई रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन केवल इस (बापू परीक्षा केंद्र) से रिपोर्ट आई है. पेपर लीक के आरोप निराधार हैं और किसी भी सबूत द्वारा समर्थित नहीं हैं. 40,000 एडमिट कार्ड भी डाउनलोड नहीं किए गए थे. 4.49 लाख एडमिट कार्ड डाउनलोड किए गए थे जबकि केवल 3.38 लाख उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे, इसलिए यह एक महत्वपूर्ण अंतर है."
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