नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों से 2025 के महाकुंभ मेले में भाग लेते हुए समाज में विभाजन और नफरत की भावनाओं को खत्म करने का संकल्प लेने का आग्रह किया.
हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू होगा और 26 फरवरी, 2025 को प्रयागराज में समाप्त होगा. तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं.
प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ होने जा रहा है
117वें एपिसोड और 2024 के आखिरी एपिसोड को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ होने जा रहा है. इस समय वहां संगम तट पर जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं. आइए, जब हम कुंभ में भाग लें तो समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने का संकल्प लें."
पीएम मोदी ने कहा कि कुंभ एकता का महाकुंभ है क्योंकि यहां कोई भेदभाव नहीं है और सभी समान हैं.
पहली बार एआई चैटबॉट का उपयोग किया जाएगा
पीएम मोदी ने कहा, "कुंभ आयोजन में पहली बार एआई चैटबॉट का उपयोग किया जाएगा. एआई चैटबॉट के माध्यम से कुंभ से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी. कहीं कोई भेदभाव नहीं, कोई बड़ा नहीं, कोई छोटा नहीं. इसलिए हमारा कुंभ एकता का महाकुंभ भी है. भक्तों को उनके मोबाइल फोन पर सरकार द्वारा अनुमोदित टूर पैकेज, आवास और होमस्टे के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी."
उन्होंने यह भी कहा कि 2025 के महाकुंभ में श्रद्धालुओं को विभिन्न घाटों और मंदिरों तक आसानी से पहुंचने में मदद के लिए डिजिटल नेविगेशन उपलब्ध होगा.
नेविगेशन सिस्टम पार्किंग तक पहुंचने में मदद करेगा
उन्होंने कहा, "डिजिटल नेविगेशन की मदद से आप महाकुंभ 2025 में विभिन्न घाटों, मंदिरों और साधुओं के अखाड़ों तक पहुंच पाएंगे. वही नेविगेशन सिस्टम आपको पार्किंग स्थानों तक पहुंचने में भी मदद करेगा. पूरे मेला क्षेत्र को एआई संचालित कैमरों से कवर किया जा रहा है. कुंभ के दौरान अगर कोई अपने परिजनों से बिछड़ जाता है तो ये कैमरे उसे ढूंढने में मदद करेंगे. भक्तों को डिजिटल खोया-पाया केंद्र की सुविधा भी मिलेगी."
मुख्य स्नान उत्सव, जिसे शाही स्नान के रूप में जाना जाता है, 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होगा जब उपस्थित लोगों की संख्या सबसे अधिक होने की संभावना है.
45 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद
हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाले महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.
मन की बात प्रधानमंत्री मोदी का मासिक रेडियो कार्यक्रम है, जहां वह भारत के नागरिकों के साथ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं. यह कार्यक्रम प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को प्रसारित किया जाता है. 3 अक्टूबर 2014 को लॉन्च किए गए मन की बात का उद्देश्य भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़ना है, जिसमें महिलाएं, बुजुर्ग और युवा शामिल हैं.
'मन की बात' 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित होती है, जिनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं. मन की बात का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जाता है.
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