Stock Market: 13 जनवरी, 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ. इस दिन, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 500 से ज्यादा कंपनियों के शेयर एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गए. इस गिरावट के कारण निवेशकों को एक ही दिन में लगभग 13 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. कुल 508 स्टॉक्स ने अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर को छुआ, जिनमें प्रमुख कंपनियां जैसे एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, बैंक ऑफ बड़ोदा, कैनरा बैंक, कोल इंडिया, हीरो मोटोकॉर्प, यस बैंक, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया शामिल हैं.
इन कंपनियों को भी उठाना पड़ा नुकसान
इसके अलावा, एलआईसी, एमआरएफ, एसीसी, एस्ट्रल, अदानी विलमार, बैंक ऑफ इंडिया, भेल, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कोंकोर, जीएमआर एयरपोर्ट्स, आईआरसीटीसी, आईडीबीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, एनएमडीसी, एसएआईएल, यूसीओ बैंक, यूनियन बैंक और सोना ब्लू डब्ल्यू प्रिसीजन फॉर्जिंग्स जैसी कंपनियों के शेयर भी अपने एक साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचे.
सेंसेक्स, जो कि भारत का प्रमुख स्टॉक इंडेक्स है, 1,049 अंक यानी 1.36 प्रतिशत गिरकर 76,330.01 पर बंद हुआ. इस दिन 26 कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई, जिनमें जोमैटो, पावर ग्रिड और अदानी पोर्ट्स के शेयर सबसे ज्यादा गिरे, जो 4 से 7 प्रतिशत तक गिर गए. निफ्टी फिफ्टी इंडेक्स भी 346 अंक यानी 1.47 प्रतिशत गिरकर 23,085.95 पर बंद हुआ. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी प्रभावित हुए, और दोनों में क्रमशः 4.17 प्रतिशत और 4.14 प्रतिशत की गिरावट आई. बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर 417 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पहले 430 लाख करोड़ रुपये था, यानी एक ही दिन में निवेशकों को 13 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
चार दिनों तक जारी रहा गिरावट का सिलसिला
इस गिरावट का सिलसिला अगले चार दिनों तक जारी रहा. इस दौरान, सेंसेक्स 2.4 प्रतिशत गिरा, जबकि निफ्टी फिफ्टी 2.6 प्रतिशत गिरा. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में इससे भी ज्यादा गिरावट आई, जो क्रमशः 8.13 प्रतिशत और 8.6 प्रतिशत तक पहुंच गई. इन चार दिनों में निवेशकों को करीब 25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
यह निरंतर गिरावट निवेशकों में चिंता का माहौल पैदा कर रही है, और बाजार में और उतार-चढ़ाव की आशंका जताई जा रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में बाजार में और अस्थिरता देखने को मिल सकती है, जिससे भारतीय शेयर बाजार का भविष्य Uncertain बना हुआ है.
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