Simhastha 2028: सिंहस्थ के लिए उज्जैन में बनाया जाएगा 29 किमी लंबा घाट, MP कैबिनेट से 778.92 करोड़ रुपये की मंजूरी

    गुरुवार को भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई.

    Simhastha 2028 MP cabinet grants administrative approval of 778 cr
    मोहन यादव | Photo: ANI

    भोपाल: गुरुवार को भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें आगामी सिंहस्थ 2028 की तैयारी के लिए क्षिप्रा नदी तट पर 29.2 किलोमीटर लंबे घाट के निर्माण के लिए 778.92 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति सहित विभिन्न निर्णयों को मंजूरी दी गई. 

    सिंहस्थ उज्जैन में हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक धार्मिक उत्सव

    सिंहस्थ मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक हिंदू धार्मिक उत्सव है. बैठक की शुरुआत में मंत्रिपरिषद ने मध्य प्रदेश को दो प्रमुख नदी जोड़ो परियोजनाओं - केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना - की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया. 

    बैठक के बाद नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीकहा, "आजादी के बाद ये सबसे बड़ी सिंचाई परियोजनाएं हैं, जिनसे किसानों को लाभ मिलेगा. साथ ही, हमने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे आने वाले वर्षों में राज्य को 100 प्रतिशत सिंचित बनाने के लिए योजना तैयार करें. कैबिनेट ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में राज्य भर की सभी पंचायतों में अटल ग्रामीण सेवा सदन स्थापित करने का भी निर्णय लिया. इससे ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान होगा और उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा." 

    कई अन्य निर्णयों को भी मंजूरी

    मंत्रिपरिषद ने मध्य प्रदेश जन्म एवं मृत्यु पंजीयन नियम, 2024 के क्रियान्वयन को भी मंजूरी दी. ये नियम भारत सरकार के महापंजीयक कार्यालय के प्रारूप नियमों के अनुरूप तैयार किए गए हैं. प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इसके तहत मध्य प्रदेश जन्म एवं मृत्यु पंजीयन नियम, 1999 की कई धाराओं में संशोधन किया गया है. इसके अलावा परिषद ने किसानों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए राज्य में स्थापित 11 केवी फीडरों को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने को भी मंजूरी दी. इस पहल से 33/11 किलोवाट विद्युत वितरण उप-केन्द्रों पर स्थापित ट्रांसफार्मरों पर ओवरलोडिंग, लो वोल्टेज और विद्युत कटौती में कमी आएगी. संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना के अंतर्गत मंत्रिपरिषद ने 472,970 हेक्टेयर जलग्रहण क्षेत्र को कवर करते हुए 28,798.02 करोड़ रुपये की परियोजना समूह लागत के लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की. स्वीकृत परियोजनाओं से मध्य प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र के 10 जिलों में 4.73 लाख हेक्टेयर नई सिंचित भूमि उपलब्ध होगी.

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