28 घंटे सफर करके इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे शुभांशु शुक्ला, ड्रैगन यान की डॉकिंग पूरी, देखें वीडियो

    भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है. शुभांशु शुक्ला – भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन – ने 28 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर कदम रखा है. वे वहां 14 दिन तक वैज्ञानिक शोध करेंगे.

    Shubhanshu Shukla reached International Space Station after traveling for 28 hours
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है. शुभांशु शुक्ला – भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन – ने 28 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर कदम रखा है. वे वहां 14 दिन तक वैज्ञानिक शोध करेंगे.

    इस मिशन के साथ ही शुभांशु शुक्ला, ISS तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले भारत के दूसरे नागरिक भी. राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत मिशन के तहत उड़ान भरी थी – और अब, चार दशकों बाद, अंतरिक्ष में भारतीयों की मौजूदगी फिर दर्ज हुई है.

    "नमस्ते फ्रॉम स्पेस!"- शुभांशु का भावुक संदेश

    अंतरिक्ष की निस्तब्धता से, पृथ्वी की ओर शुभांशु ने लाइव मैसेज भेजा – एक ऐसा क्षण, जिसने लाखों भारतीयों की आंखें नम कर दीं.

    उन्होंने कहा, "नमस्ते फ्रॉम स्पेस! यहां मैं एक बच्चे की तरह सबकुछ सीख रहा हूं- चलना, तैरना, खाना. वैक्यूम की शांति और भारहीनता में हर पल नया है. "मैं हर उस इंसान को धन्यवाद देना चाहता हूं जो इस सफर का हिस्सा रहा – वैज्ञानिक, इंजीनियर, ट्रेनर, परिवार, दोस्त – यह मेरी नहीं, हमारी सामूहिक उपलब्धि है."

    अपने संदेश में शुभांशु ने एक खास प्रतीक ‘हंस’ का भी उल्लेख किया – जो उनके साथ ISS तक गया है.

    "यह सिर्फ प्यारा खिलौना नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में बुद्धिमत्ता का प्रतीक है. पोलैंड, हंगरी और भारत – तीनों संस्कृतियों में इसका गहरा महत्व है."

    28 घंटे की यात्रा, 6 बार टला मिशन

    • Ax-4 मिशन के तहत शुभांशु और उनके तीन अन्य अंतरिक्षयात्री साथियों ने 25 जून दोपहर 12 बजे फ्लोरिडा से उड़ान भरी.
    • इस लॉन्च को मौसम और तकनीकी कारणों से छह बार टालना पड़ा, लेकिन जब स्पेसक्राफ्ट ने लॉन्चपैड से उड़ान भरी, तो पृथ्वी से लेकर अंतरिक्ष तक गर्व की लहर दौड़ पड़ी.
    • "लॉन्च के वक्त ऐसा लगा जैसे किसी रॉकेट चेयर पर बैठे हों जो आपको सीट से पीछे धकेल रहा है – फिर अचानक सब शांत हो गया. बेल्ट खोली और मैं तैरने लगा." – शुभांशु ने बताया.

    भारतीय अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय

    • शुभांशु शुक्ला का यह मिशन सिर्फ वर्तमान की उपलब्धि नहीं, बल्कि भविष्य के गगनयान मिशन की नींव है.
    • गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन होगा, जिसमें भारतीय गगनयात्री पृथ्वी की निचली कक्षा तक जाएंगे और सुरक्षित लौटेंगे. इसकी संभावित लॉन्च तिथि 2027 रखी गई है.
    • रूस में अंतरिक्षयात्री को "कॉस्मोनॉट", चीन में "ताइकोनॉट" कहा जाता है – और भारत में इन्हें सम्मानपूर्वक "गगनयात्री" कहा जाता है.

    Ax-4 मिशन: विज्ञान की प्रयोगशाला

    इस मिशन का लक्ष्य सिर्फ अंतरिक्ष में पहुंचना नहीं है – बल्कि वहां रहकर अनुसंधान करना और नई तकनीकों की जांच करना है.

    इस मिशन का मुख्य उद्देश्य:

    • माइक्रोग्रेविटी में प्रयोग: जैवविज्ञान, भौतिकी और पदार्थ विज्ञान से जुड़े परीक्षण.
    • नई तकनीक का परीक्षण: अंतरिक्ष में टिकाऊ उपकरणों और सिस्टम्स की व्यवहारिकता की जांच.
    • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को एक साझा मंच.
    • शैक्षणिक पहल: पृथ्वी पर छात्रों और आम लोगों को विज्ञान के प्रति प्रेरित करना.

    Ax-4 मिशन को अमेरिकी निजी कंपनी Axiom Space संचालित कर रही है, जो भविष्य में एक स्वतंत्र, वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रही है.

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