भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है. शुभांशु शुक्ला – भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन – ने 28 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर कदम रखा है. वे वहां 14 दिन तक वैज्ञानिक शोध करेंगे.
इस मिशन के साथ ही शुभांशु शुक्ला, ISS तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले भारत के दूसरे नागरिक भी. राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत मिशन के तहत उड़ान भरी थी – और अब, चार दशकों बाद, अंतरिक्ष में भारतीयों की मौजूदगी फिर दर्ज हुई है.
Axiom Mission 4 aboard the @SpaceX Dragon docked to the station at 6:31am ET today. Soon the Ax-4 astronauts will open the hatch and greet the Exp 73 crew live on @NASA . More... https://t.co/XmWYPa4BhT pic.twitter.com/LjjMd7DfmW
— International Space Station (@Space_Station) June 26, 2025
"नमस्ते फ्रॉम स्पेस!"- शुभांशु का भावुक संदेश
अंतरिक्ष की निस्तब्धता से, पृथ्वी की ओर शुभांशु ने लाइव मैसेज भेजा – एक ऐसा क्षण, जिसने लाखों भारतीयों की आंखें नम कर दीं.
उन्होंने कहा, "नमस्ते फ्रॉम स्पेस! यहां मैं एक बच्चे की तरह सबकुछ सीख रहा हूं- चलना, तैरना, खाना. वैक्यूम की शांति और भारहीनता में हर पल नया है. "मैं हर उस इंसान को धन्यवाद देना चाहता हूं जो इस सफर का हिस्सा रहा – वैज्ञानिक, इंजीनियर, ट्रेनर, परिवार, दोस्त – यह मेरी नहीं, हमारी सामूहिक उपलब्धि है."
अपने संदेश में शुभांशु ने एक खास प्रतीक ‘हंस’ का भी उल्लेख किया – जो उनके साथ ISS तक गया है.
"यह सिर्फ प्यारा खिलौना नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में बुद्धिमत्ता का प्रतीक है. पोलैंड, हंगरी और भारत – तीनों संस्कृतियों में इसका गहरा महत्व है."
28 घंटे की यात्रा, 6 बार टला मिशन
Dragon is go for final approach and docking with the @Space_Station pic.twitter.com/kW2FRHsPgb
— SpaceX (@SpaceX) June 26, 2025
भारतीय अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय
Ax-4 मिशन: विज्ञान की प्रयोगशाला
इस मिशन का लक्ष्य सिर्फ अंतरिक्ष में पहुंचना नहीं है – बल्कि वहां रहकर अनुसंधान करना और नई तकनीकों की जांच करना है.
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य:
Ax-4 मिशन को अमेरिकी निजी कंपनी Axiom Space संचालित कर रही है, जो भविष्य में एक स्वतंत्र, वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रही है.
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