नागपुर (महाराष्ट्र) : शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि अगर लोगों को ईवीएम की चुनावी प्रक्रिया पर संदेह है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने चाहिए और सुझाव दिया कि चुनाव आयुक्त का चुनाव भी लोगों द्वारा किया जाना चाहिए.
उद्धव ठाकरे ने नागपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "एक देश, एक चुनाव' का मुद्दा बाद में आना चाहिए. पहले चुनाव आयुक्त का चुनाव कराया जाना चाहिए. अगर राष्ट्रपति का चुनाव हो सकता है तो चुनाव आयुक्त का क्यों नहीं? अगर लोगों को ईवीएम पर संदेह है तो उन संदेहों का समाधान किया जाना चाहिए. एक बार बैलेट पेपर से मतदान होने दें. अगर वही बहुमत हासिल हो जाता है तो कोई दोबारा इस पर सवाल नहीं उठाएगा."
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महायुति के नेताओं में नाखुशी पर उद्धव ने कही ये बात
नवगठित महाराष्ट्र सरकार में शामिल न किए जाने से महायुति के कुछ नेताओं के नाखुश होने की खबरों पर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा, "उन्हें सरकार चलाने दीजिए, उन्हें पता चल जाएगा. मेरे बारे में जो कुछ भी पहले कहा गया था, वह अब सामने आ रहा है. लोग देख सकते हैं कि उनके (महाराष्ट्र सरकार) बारे में क्या कहा जा रहा है. छगन भुजबल इस मामले में मेरे संपर्क में नहीं हैं, लेकिन वे हमेशा मेरे संपर्क में हैं."
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हैक होने की संभावना को उजागर करते हुए कई चीजें पेश की थीं, लेकिन चुनाव आयोग ने उन्हें स्वीकार नहीं किया.
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस पार्टी ने ईवीएम को लेकर चिंता जताई. पार्टी ने महाराष्ट्र में चुनावी प्रक्रिया पर संदेह व्यक्त करने के लिए चुनाव आयोग से भी मुलाकात की.
चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 235 सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की. ये नतीजे भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुए, जो 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.
महाराष्ट्र चुनाव में महा विकास अघाड़ी की हुई है बड़ी हार
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी उल्लेखनीय बढ़त हासिल की, क्रमशः 57 और 41 सीटें जीतीं. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को बड़ा झटका लगा, कांग्रेस को सिर्फ़ 16 सीटें मिलीं. इसके गठबंधन सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी (शरद पवार गुट) को सिर्फ़ 10 सीटें मिलीं.
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