शिवसेना यूबीटी के विधायक विधानसभा सत्र में नहीं लेंगे शपथ, आदित्य ठाकरे ने कहा- हमें EVM पर संदेह है

    शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि पार्टी के विजेता विधायक शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा के चल रहे विशेष सत्र के दौरान पद की शपथ नहीं लेंगे. ठाकरे ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की वैधता पर संदेह जताया.

    Shiv Sena UBT MLAs will not take oath in the assembly session Aditya Thackeray said - we have doubts on EVM
    शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे/Photo-

    मुंबई (महाराष्ट्र): शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि पार्टी के विजेता विधायक शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा के चल रहे विशेष सत्र के दौरान पद की शपथ नहीं लेंगे. ठाकरे ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की वैधता पर संदेह जताया.

    आदित्य ठाकरे ने कहा, "आज हमने फैसला किया है कि हमारे (शिवसेना यूबीटी) विजेता विधायक शपथ नहीं लेंगे. यदि यह जनता का जनादेश होता तो लोग खुश होते और इसका जश्न मनाते. हालाँकि, जनता की ओर से ऐसा कोई जश्न या उत्साह नहीं था. हमें ईवीएम पर संदेह है."

    महाराष्ट्र विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र चल रहा है

    शिव सेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विधान भवन परिसर में शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि दी. महाराष्ट्र विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र चल रहा है.

    आज यहां मीडिया से बात करते हुए, शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा, "15 दिन पहले, जो 288 विधायक विधानसभा चुनाव में चुने गए थे, उनका शपथ ग्रहण समारोह आज विधान भवन में आयोजित किया जा रहा है. यह तीन दिवसीय सत्र है और मुझे लगता है कि इसमें विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होना है. तीनों नेता बैठकर तय करेंगे कि कैबिनेट का विस्तार कब होगा."

    गुरुवार को फड़णवीस ने महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ली

    इस बीच, गुरुवार को मुंबई के आजाद मैदान में देवेंद्र फड़णवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में दो उपमुख्यमंत्रियों, राकांपा नेता अजित पवार और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने शपथ ली.

    महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की निर्णायक जीत हुई, जिसने 235 सीटों के साथ शानदार जीत हासिल की. नतीजे भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुए, जो 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.

    शिव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी क्रमशः 57 और 41 सीटों के साथ उल्लेखनीय लाभ कमाया.

    वहीं, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को बड़ा झटका लगा और कांग्रेस को महज 16 सीटें मिलीं. इसके गठबंधन सहयोगी, शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी (शरद पवार गुट) को केवल 10 सीटें मिलीं.

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