नई दिल्ली : बॉलीवुड में दिग्गज अभिनेता शक्ति कपूर का जन्मदिन मनाया जा रहा है, इस मौके पर हम उनकी कुछ सबसे मशहूर और अविस्मरणीय भूमिकाओं पर एक नज़र डालते हैं. खतरनाक खलनायकों से लेकर हास्य रत्नों तक, कपूर का करियर यादगार किरदारों की एक ऐसी श्रृंखला है जिसने भारतीय सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है. यहां उनकी 5 सबसे मशहूर भूमिकाओं का विवरण दिया गया है-
शक्ति कपूर की 5 सदाबाहर भूमिकाएं
'अंदाज़ अपना अपना' में क्राइम मास्टर गोगो
'अंदाज़ अपना अपना' में 'क्राइम मास्टर गोगो' की भूमिका है. इस हास्यपूर्ण खलनायक की उनकी भूमिका, यादगार संवाद "क्राइम मास्टर गोगो नाम है मेरा, आंखें निकाल कर गोटिया खेलता हूं मैं" के साथ, उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया है.
'राजा बाबू' में नंदू
1994 की फिल्म 'राजा बाबू' में कपूर ने नायक के वफादार लेकिन मंदबुद्धि दोस्त नंदू की भूमिका निभाई थी. उनका कैचफ्रेज़ "नंदू सबका बंधु" एक लोकप्रिय पंक्ति बन गया, जिसने एक प्रिय हास्य अभिनेता के रूप में उनकी स्थिति को और मजबूत किया. यह फिल्म एक महत्वपूर्ण हिट रही और इसने कपूर की कॉमेडी टाइमिंग को प्रदर्शित किया.
'चालबाज' में बटुकनाथ
'चालबाज' में एक घटिया वकील बटुकनाथ के रूप में कपूर की भूमिका एक और बेहतरीन प्रदर्शन है. उनकी मज़ेदार हरकतों और प्रसिद्ध संवाद "मैं एक नन्हा सा, प्यारा सा, छोटा सा बच्चा हूँ" ने इस किरदार को यादगार बना दिया है. श्रीदेवी अभिनीत इस फिल्म ने कपूर को एक हास्य भूमिका में चमकने का मौका दिया, जिसने दर्शकों को खूब पसंद आया.
'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' में गोली
'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' में कपूर ने गोली का किरदार निभाया था, जो एक हास्य पात्र था, जिसने फिल्म में एक मजेदार तत्व जोड़ा. खलनायकी के साथ हास्य को संतुलित करने की उनकी क्षमता ने उनके किरदार को फिल्म का मुख्य आकर्षण बना दिया, जिससे एक अभिनेता के रूप में उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ.
'कुली नंबर 1' में गोवर्धन
1995 की हिट 'कुली नंबर 1' में कपूर ने रंगीला का किरदार निभाया, जिसमें उन्होंने अपने हास्य स्वभाव के साथ मुख्य किरदारों को पूरक बनाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया. यह फिल्म हिंदी मसाला कॉमेडी की शैली में एक क्लासिक बनी हुई है.
शक्ति कपूर का करियर
शक्ति कपूर का करियर कई दशकों तक फैला हुआ है, और विभिन्न भूमिकाओं को अपनाने की उनकी क्षमता - खतरनाक खलनायक से लेकर प्यारे हास्य अभिनेता तक - ने उन्हें बॉलीवुड में एक प्रिय व्यक्ति बना दिया है. जैसा कि हम उनका जन्मदिन मना रहे हैं, यह स्पष्ट है कि भारतीय सिनेमा में उनका योगदान जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही कालातीत भी है.