The Rubika Liyaquat Show: आज के शो में देश के कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. शो में सबसे पहले आगामी लोकसभा चुनाव के बारे में विस्तार से बात की गई. इसके बाद शो में मदरसों के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को जनता के सामने रखा गया है. इसके बाद एंकर रुबिका लियाक़त ने चद्रयान 3 पर एक खास रिपोर्ट पेश की.इसके बाद एंकर रुबिका लियाकत ने पुराने भारत और आज के आत्मनिर्भर भारत के बारे में बात करते हुए बताया कि कैसे यूपीआई ने भारत की शान बढ़ाई. शो के अंत में पाकिस्तान की राजनीति में आए तूफान पर चर्चा हुई. अगर पाकिस्तान में ऐसा ही चलता रहा तो एक और तख्तापलट तय है? देखिये आज का शो..!
भारतीय संविधान की 18वीं लोकसभा का महासंग्राम अब ज्यादा दूर नहीं है. अगले साल 2024 के अप्रैल-मई में होने वाले इस महासंग्राम में दोनों महादलों के बीच महामुकाबले की तैयारियां लगभग अंतिम चरण में चल रही हैं. 26 दलों वाला विपक्षी महागठबंधन भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) और 38 दलों वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) महासमर में उतरने की तैयारी कर चुका है. सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व में एनडीए और वर्षों से सत्ता में रही कांग्रेस के नेतृत्व में ‘इंडिया’ में कौन आगे है और कौन पीछे, यह जानने और समझने के लिए देखिए आज का शो..!
आज की तारीख में आपको खरीदारी करने के लिए ना तो कैश की जरूरत हैं और ही किसी कार्ड की. अगर आपका मोबाइल फोन आपके साथ है तो आप आसानी से जितनी चाहे उतने की शॉपिंग कर सकते हैं. जर्मनी के डिजिटल और परिवहन मंत्री वोल्कर विसिंग भारत में डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन को देखकर दंग रह गए. भारत में डिजिटल पेमेंट की प्रगति देखने के लिए वह खुद सब्जी खरीदने पहुंच गए. जर्मन मंत्री ने दिल्ली की एक छोटी सी दुकान से सब्जियां खरीदीं और मोबाइल से UPI के जरिए भुगतान किया. सब्जी की दुकान पर भी जर्मन मंत्री यूपीआई से भुगतान को लेकर काफी उत्साहित दिखे.
भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के लिए तैयार है. 23 अगस्त की शाम ISRO इसकी सॉफ्ट लैंडिंग कराएगा, जिस पर पूरी दुनिया का नजर टिकी है. आखिर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में ऐसा क्या है, जो दुनियाभर के वैज्ञानिकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, आइये जानते हैं. वैज्ञानिक मानते हैं कि चंद्रमा पर इतने गहरे गड्ढे भी हैं, जहां अरबों वर्षों से सूरज की रोशनी नहीं पहुंची है. इन क्षेत्रों में तापमान आश्चर्यजनक रूप से माइनस 248 डिग्री सेल्सियस (-414 फारेनहाइट) तक गिर जाता है. यहां चंद्रमा की सतह को गर्म करने वाला कोई वातावरण नहीं है. चंद्रमा की इस पूरी तरह अज्ञात दुनिया में किसी भी इंसान ने कदम नहीं रखा है. नासा के मुताबिक, चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव रहस्य, विज्ञान और उत्सुकता से भरा है.