कीवः 13-14 फरवरी, 2025 की रात को रूस ने यूक्रेन के चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर एक ड्रोन हमला किया, जिससे संयंत्र के एक महत्वपूर्ण हिस्से को भारी नुकसान हुआ. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेन्स्की ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि 1986 में यह रिएक्टर जो दुनिया के सबसे बड़े नागरिक परमाणु हादसे का कारण बना था, अब एक सुरक्षा संरचना "न्यू सेफ कॉनफाइनमेंट" (NSC) में कैद है, ताकि रेडिएशन का फैलाव रोका जा सके.
नष्ट हो चुके शेल्टर में आग लग गई
ज़ेलेन्स्की ने बताया कि हमले के कारण रिएक्टर के नष्ट हो चुके शेल्टर में आग लग गई थी, जिसे बाद में बुझा लिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि रेडिएशन स्तर अभी तक नहीं बढ़ा है और इस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. हालांकि, प्रारंभिक आकलन में यह बताया गया है कि रिएक्टर की सुरक्षा संरचना को भारी नुकसान पहुंचा है.
रात 1:50 बजे एक धमाके की आवाज सुनी
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने भी इस हमले की पुष्टि की. एजेंसी ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि चेरनोबिल साइट पर मौजूद उनके टीम ने रात 1:50 बजे एक धमाके की आवाज सुनी, जिसे ड्रोन हमले का परिणाम बताया गया. यह धमाका न्यू सेफ कॉनफाइनमेंट की छत पर हुआ, जो रिएक्टर 4 के रेडियोधर्मी अवशेषों को सुरक्षित रखता है.
हालांकि वर्तमान में रेडिएशन स्तर स्थिर हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस हमले के संभावित दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर चिंतित है, जो इस स्थल की सुरक्षा पर पड़ सकते हैं. IAEA स्थिति की निगरानी कर रहा है और सभी पक्षों से परमाणु स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील कर रहा है.
ये भी पढ़ेंः RBI ने इस बैंक पर लगाया बैन— ग्राहक पैसे नहीं निकाल पा रहे, ब्रांचों के बाहर मची अफरा-तफरी