नई दिल्ली : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं और उनकी यात्रा की तारीखें तय की जा रही हैं, क्रेमलिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को ये बात कही.
स्पुतनिक समाचार आउटलेट द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए, पेसकोव ने कहा, "हमें उम्मीद है कि जल्द ही, बहुत जल्द. हम राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की तारीखों को तय करने के लिए उत्सुक हैं."
"Russian President Vladimir Putin to visit India soon. We are working on the dates," says Dmitry Peskov, the Kremlin's press secretary. pic.twitter.com/2TTy6A9UUO
— ANI (@ANI) November 19, 2024
यह भी पढे़ं : 'मूल्यों, सिद्धांतों में गिरावट देख AAP को छोड़ने का साहस जुटाया', BJP में शामिल हुए कैलाश गहलोत बोले
3 साल पहले रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच पुतिन की पहली यात्रा
लगभग 3 साल पहले यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष की शुरुआत के बाद से पुतिन की यह पहली भारत यात्रा होगी.
क्रेमलिन अधिकारी की टिप्पणी विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सीमा पर तनाव कम करने में प्रगति के बारे में बातचीत के बाद आई है.
जयशंकर ने आज जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष से मिलकर खुशी जताई. उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक का भी उल्लेख किया.
'पुतिन ने रूस-यूक्रेन भारत की मध्यस्थता का स्वागत किया है'
इस बीच, आज स्पुतनिक मीडिया कार्यक्रम में क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत-चीन वार्ता का स्वागत किया, लेकिन स्पष्ट रूप से कहा कि रूस ने इसमें कोई भूमिका नहीं निभाई है. रूसी अधिकारी ने कहा कि पुतिन ने रूस-यूक्रेन संकट में भारत की मध्यस्थ भूमिका का भी स्वागत किया है.
क्रेमलिन के प्रेस सचिव पेस्कोव ने कहा, "हम भारतीय प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हैं और वह (राष्ट्रपति पुतिन) वास्तव में प्रधानमंत्री के आभारी हैं. और योगदान देने में सक्षम किसी भी व्यक्ति के लिए ओपन माइंड के हैं."
पेस्कोव ने कहा, "हमारे पास कोई विशेष योजना नहीं है... लेकिन हम जानते हैं कि मोदी के राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत ही विशेष और व्यावहारिक संबंध हैं और वह यूक्रेनी पक्ष के संपर्क में भी हैं, इसलिए वह सीधे जानकारी लेने में सक्षम हैं... यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रधानमंत्री मोदी को स्थिति का निष्पक्ष मूल्यांकन करने की संभावना देता है..."
पुतिन और मोदी के बीच अच्छी दोस्ती है, जैसा कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस के कज़ान की यात्रा के दौरान देखा गया.
रूस प्रधानमंत्री मोदी को दे चुका है अपने देश का सर्वोच्च सम्मान
इससे पहले वे जुलाई में रूस की आधिकारिक यात्रा पर गए थे, जो तीसरी बार पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी. भारत-रूस संबंधों को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए प्रधानमंत्री मोदी को रूस के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार "द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल" से भी सम्मानित किया गया.
क्रेमलिन अधिकारी ने कहा, "हम भारत और चीन दोनों के साथ अपने संबंधों को विकसित करना जारी रखेंगे, और वास्तव में कुछ सप्ताह पहले कज़ान में भी ऐसा ही हुआ था. राष्ट्रपति पुतिन को अपने दो अच्छे मित्रों का स्वागत करने का सौभाग्य मिला."
भारत-चीन संबंध में रूस की किसी दखल से किया इनकार
यह पूछे जाने पर कि क्या रूस भारत और चीन के बीच संबंधों को बेहतर बनाने में कोई भूमिका निभा रहा है, रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने कहा, "हमें खुशी है कि दोनों नेताओं, भारत के नेता और चीन के नेता को रूस के कज़ान में अपनी द्विपक्षीय बैठक आयोजित करने का अवसर मिला. और यह वास्तव में दुनिया में हर किसी के लिए अच्छी खबर थी. लेकिन फिर से, यह भारत और चीन की द्विपक्षीय पहल थी, जिसमें विदेश से, हमारी ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं था. इसलिए हम केवल उस शिखर सम्मेलन के आयोजक थे...बेशक, नई दिल्ली और बीजिंग के मित्र होने के नाते, हम अपने दोनों मित्रों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के लिए हर संभव तरीके से योगदान देने के लिए तैयार हैं."
पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए एक आदेश पर किया हस्ताक्षर
मॉस्को में आज पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए एक आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें परमाणु निवारण के क्षेत्र में राज्य नीति के आधार को मंजूरी दी गई है, जो देश का अपडेटेडा परमाणु सिद्धांत है.
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब कुछ ही दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कथित तौर पर यूक्रेन को अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई लंबी दूरी की अमेरिकी सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों एटीएसीएमएस को रूस में काफी अंदर तक दागने की अनुमति दी थी.
यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025 में क्या होगा खास, इस बार करीब 40 करोड़ लोग प्रयागराज शहर आकर बनाएंगे बड़ा रिकॉर्ड