भारत चिप्स से तैयार माल तक 100% इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में खुद को तैयार करने में जुटा : रिपोर्ट

    रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को मौजूदा 150 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़ाकर 500 बिलियन अमरीकी डॉलर तक ले जाना चाहते हैं.

    भारत चिप्स से तैयार माल तक 100% इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में खुद को तैयार करने में जुटा : रिपोर्ट
    चिप्स आधारित इलेक्ट्रॉनिक सामान, प्रतीकात्मक तस्वीर

    नई दिल्ली : हैटोंग इंटरनेशनल रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सेमीकंडक्टर चिप्स से लेकर तैयार माल तक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 100 प्रतिशत घरेलू मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दे रहा है.

    रिपोर्ट के अनुसार सरकार समर्थित कार्यक्रम ने पहले ही सेमीकंडक्टर उद्योग में 1.5 ट्रिलियन रुपये (18 बिलियन अमरीकी डॉलर) का निवेश लाया है.

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    इस उद्योग को 150 से 500 मिलियन डॉलर ले जाना है : रिपोर्ट

    रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र को इसके मौजूदा 150 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़ाकर 500 बिलियन अमरीकी डॉलर करना है.

    इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि सरकार अगले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में 6 मिलियन नौकरियां पैदा करने की योजना बना रही है, जो आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की क्षमता का संकेत है.

    हैटोंग इंटरनेशनल रिसर्च ने कहा, "सरकार समर्थित पहलों ने पहले ही सेमीकंडक्टर उद्योग में 1.5 ट्रिलियन रुपये (USD18bn) से अधिक का निवेश लाया है. प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य अगले दशक में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को USD500bn (वर्तमान में USD150bn) तक बढ़ाना है, जिससे 6 मिलियन से अधिक नौकरियां पैदा होंगी."

    रिपोर्ट के अनुसार भारत समर्पित सेमीकंडक्टर कार्यक्रम शुरू करने वाला 8वां देश है और वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर चिप्स के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है.

    इसमें कहा गया है कि घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए, भारत सरकार सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधाओं के निर्माण के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दे रही है, जो आगे निवेश को आकर्षित कर रही है. रिपोर्ट में भारत के सेमीकंडक्टर विनिर्माण के विस्तार के साथ अन्य क्षेत्रों में संभावित विकास पर भी जोर दिया गया है. विशेष रूप से, रासायनिक और वायु गैस उद्योगों में शामिल कंपनियों को इस विकास से बहुत लाभ होगा.

    रसायन और हवाई गैसों का सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चिरिंग में अहम रोल

    रिपोर्ट के अनुसार, रसायन और वायु गैसें सेमीकंडक्टर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जो चिप उत्पादन के विभिन्न चरणों के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान करती हैं.

    रिपोर्ट में कहा गया है, "हम भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए आने वाले उत्साह और संभावनाओं को प्रत्यक्ष रूप से देख रहे हैं. यह रसायन और एयर गैस व्यवसायों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं."

    इन उद्योगों के विस्तार से संभवतः अतिरिक्त नौकरियां पैदा होंगी और आगे निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे सेमीकंडक्टर उद्योग कई प्रमुख क्षेत्रों में आर्थिक विकास का फैक्टर बन जाएगा. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 11 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश से गुजरात के धोलेरा में भारत की पहली सेमीकंडक्टर फाउंड्री स्थापित कर रहा है.

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