नई दिल्ली : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को 1999 के युद्ध में बहादुरी से लड़ने वाले बहादुर सैनिकों की अदम्य भावना और साहस को याद किया और कहा कि सशस्त्र बलों की सेवा और बलिदान "हर भारतीय" और हमारी "आने वाली पीढ़ियों" को प्रेरित करता रहेगा.
राजनाथ सिंह ने कारगिल दिवस पर सैनिकों को किया याद
Today, on 25th anniversary of #KargilVijayDiwas, we remember the indomitable spirit and courage of the brave soldiers who fought valiantly in 1999 war. Their unwavering commitment, valour and patriotism ensured that our country remained safe and secure. Their service and…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 26, 2024
राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया, "आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर हम 1999 के युद्ध में बहादुरी से लड़ने वाले बहादुर सैनिकों की अदम्य भावना और साहस को याद करते हैं. उनकी अटूट प्रतिबद्धता, वीरता और देशभक्ति ने सुनिश्चित किया कि हमारा देश सुरक्षित रहे. उनकी सेवा और बलिदान हर भारतीय और हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा."
मोदी बहादुरों को श्रद्धांजलि देंगे
इस बीच, 25वें कारगिल विजय दिवस 2024 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारगिल युद्ध स्मारक के दौरे से पहले कारगिल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पीएम मोदी आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर कारगिल का दौरा करेंगे और कर्तव्य की पंक्ति में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि देंगे. पीएम मोदी सुबह करीब 9:20 बजे कारगिल युद्ध स्मारक जाएंगे और बहादुरों को श्रद्धांजलि देंगे. प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट भी करेंगे.
कारगिल युद्ध स्मारक पर सुरक्षा व्यवस्थाएं पूरी तरह से की गई
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर सुरक्षा उद्देश्यों के अनुसार व्यवस्थाएं पूरी तरह से की गई हैं. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा, ताकि लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके. पूरा होने के बाद, यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी. शिंकुन ला सुरंग न केवल देश के सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी श्रद्धांजलि
कारगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और असाधारण पराक्रम के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा सम्मान प्रकट करने का अवसर है। वर्ष 1999 में कारगिल की चोटियों पर भारत माँ की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले प्रत्येक सेनानी को मैं श्रद्धांजलि देती हूं और उनकी पावन…
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 26, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर देश के सशस्त्र बलों के "साहस और असाधारण वीरता" की सराहना करते हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. एक्स पर एक पोस्ट में, राष्ट्रपति मुर्मू ने सभी देशवासियों से सैनिकों के "बलिदान और वीरता से प्रेरणा लेने" का आग्रह किया. "कारगिल विजय दिवस एक कृतज्ञ राष्ट्र के लिए हमारे सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और असाधारण वीरता को श्रद्धांजलि देने का अवसर है. मैं वर्ष 1999 में कारगिल की चोटियों पर भारत माता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले प्रत्येक सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और उनकी पवित्र स्मृति को नमन करती हूं," राष्ट्रपति ने अपने पोस्ट में उल्लेख किया. "मुझे विश्वास है कि सभी देशवासी उनके बलिदान और वीरता से प्रेरणा लेंगे. जय हिंद! जय भारत!".
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ
देश आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है, इस अवसर पर सैनिकों के परिवार अपने प्रियजनों की बहादुरी और समर्पण को याद कर रहे हैं, जिन्होंने 1999 में बर्फीली पहाड़ियों पर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे. 26 जुलाई को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला कारगिल विजय दिवस, 1999 में ऑपरेशन विजय की सफलता का स्मरण कराता है. इस संघर्ष के दौरान, भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीर के कारगिल सेक्टर में रणनीतिक ठिकानों पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया था, जहां पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने घुसपैठ की थी.
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