कोलकाता (पश्चिम बंगाल) : कोलकाता के एक अस्पताल में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने राज्य के मुख्य सचिव को एक और बैठक का अनुरोध करते हुए एक ई-मेल भेजा है क्योंकि कुछ मांगें अनसुलझी रह गई हैं.
मंगलवार को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ बैठक के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता के पुलिस प्रमुख और दो वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाने समेत उनकी कुछ मांगों को स्वीकार कर लिया.
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जूनियर डॉक्टर फ्रंट ने कहा- हमारे मुद्दे का राजनीतीकरण न करें
जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने मंगलवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "हमारे मुद्दे का राजनीतिकरण करने, न्याय के बजाय सत्ता पाने के झूठे आरोप लगाने और ईमेल, ऑडियो क्लिप के जरिए हमारे बीच विभाजन पैदा करने और हमारे आंदोलन को बदनाम करने के प्रयास बार-बार किए गए हैं. कल, माननीय मुख्यमंत्री के साथ एक लंबी चर्चा में, हमारी पांच सूत्री मांगों पर चर्चा की गई और उनमें से कुछ को आंशिक रूप से पूरा किया गया."
जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने अपराजिता अधिनियम के कुछ प्रावधानों की भी आलोचना की, जिसमें डॉक्टरों के लिए रात की शिफ्ट बंद करने का प्रस्ताव है.
जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने कहा, "राज्य के अपराजिता अधिनियम के पीछे छिपी गहरी स्त्री-द्वेष और मध्ययुगीन मानसिकता सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उजागर हो गई है. यह स्पष्ट किया गया कि रात की ड्यूटी की अनुमति न देने और दिन की पाली को 12 घंटे से कम करने जैसे प्रतिबंध लगाने से पुरुषों और महिलाओं के बीच विभाजन पैदा होता है और उनकी स्वतंत्रता में इस तरह का दखल महिलाओं को वास्तविक सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता है."
डॉक्टरों की मांग पर स्वास्थ्य जुड़े इन अधिकारियों को हटाया गया
डॉक्टरों के साथ बैठक के बाद मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से डॉ. कौस्तव नायक और डॉ. देबाशीष हलदर को चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) के पदों से हटा दिया गया है.
इन बदलावों के साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान की निदेशक डॉ. सुपर्णा दत्ता और संयुक्त डीएचएस डॉ. स्वप्न सोरेन को भी पदों से हटा दिया गया है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की नोटिफि अनुसार, नायक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के निदेशक का पद संभालेंगे और हलधर स्वास्थ्य भवन में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए विशेष कार्य अधिकारी के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
31 वर्षीय डॉक्टर का शव 9 अगस्त को आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मिला था. तब से राज्य के हजारों जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं.
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