'वजन की जिम्मेदारी खिलाड़ी और उनके कोच की', विनेश फोगाट केस में IOA के इस बयान पर भड़कीं शिवसेना नेता

    चतुर्वेदी ने कहा- वाह. तो आईओए ने भारतीय एथलीटों के हितों के मामले में किसी भी जिम्मेदारी से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया है. विनेश फोगाट को वास्तव में न्याय से वंचित किया गया है.

    'वजन की जिम्मेदारी खिलाड़ी और उनके कोच की', विनेश फोगाट केस में IOA के इस बयान पर भड़कीं शिवसेना नेता
    पू्र्व दिग्गज धावक और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा, और संसद में बोलती हुईं प्रियंका चतुर्वेदी, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    नई दिल्ली : महाराष्ट्र से राज्यसभा में सांसद और शिवसेना (UBT) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को विनेश फोगाट की अयोग्यता से निपटने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की सार्वजनिक रूप से निंदा की है. उनका यह बयान तब आया है जब आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा ने एथलीट के वजन की जिम्मेदारी खुद एथलीटों और उनके कोच पर डाला है.

    सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस बात को आगे बढ़ाते हुए, चतुर्वेदी ने आईओए पर भारतीय एथलीटों के प्रति अपनी जिम्मेदारी छोड़ने और उनके हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया.

    वाह, तो IOA ने भारतीय एथलीटों के हितों से पल्ला झाड़ा : शिवसेना नेता

    चतुर्वेदी ने ट्वीट किया "वाह. तो आईओए ने भारतीय एथलीटों के हितों के मामले में किसी भी जिम्मेदारी से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है. विनेश फोगाट को वास्तव में न्याय से वंचित किया गया है और बस के नीचे फेंक दिया गया है, आईओए को यह बयान जारी करने के लिए शर्म आती है, जबकि यह अच्छी तरह से पता है कि फोगाट के रजत के मामले पर विचार किया जा रहा है."

    उनका यह बयान फोगाट के रजत पदक के दावे को लेकर चल रही चर्चाओं पर आईओए की विवादास्पद प्रतिक्रिया के मद्देनजर आया है. मामले में एसोसिएशन की स्पष्ट उदासीनता ने विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने अहम आलोचना की है.

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    चतुर्वेदी ने पीटी उषा की आलोचना की, उनके पुराने बयान याद दिलाए

    चतुर्वेदी ने दिग्गज भारतीय धावक और आईओए की वर्तमान प्रमुख पीटी उषा की आलोचना की और जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी पहलवानों पर की गई उनकी पिछली टिप्पणियों को याद किया. उषा ने पहले पहलवानों को फटकार लगाते हुए दावा किया था कि वे यौन उत्पीड़न के आरोपों के लिए न्याय की मांग करके भारत की छवि को धूमिल कर रहे हैं. चतुर्वेदी ने इसे एक और उदाहरण के रूप में उजागर किया, जहां आईओए ने देश के एथलीटों को निराश किया है.

    चतुर्वेदी ने टिप्पणी की, "यह बयान इस बात की याद दिलाता है कि कैसे पीटी उषा जी जंतर-मंतर गईं और पहलवानों से कहा था कि वे यौन उत्पीड़न के खिलाफ न्याय के लिए विरोध करके भारत का नाम खराब कर रहे हैं. आईओए की प्रमुख के रूप में वे कितनी निराश करने वाली रही हैं."

    शिवसेना नेता के कड़े शब्दों ने भारतीय एथलीटों को समर्थन देने में आईओए की भूमिका के बारे में व्यापक बहस छेड़ दी है, खासकर उन स्थितियों में जब वे न्याय की मांग कर रहे हों या अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हों.

    जैसे-जैसे विवाद सामने आ रहा है, यह देखना बाकी है कि आईओए इन बढ़ती आलोचनाओं का कैसे जवाब देगा और चतुर्वेदी और अन्य द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए इसमें कोई बदलाव किया जाएगा या नहीं.

    IOA प्रमुख पीटी उषा के बयान से बढ़ा विवाद, उन्होंने कही ये बात

    आईओए द्वारा रविवार को एक बयान जारी करने के बाद सब कुछ गरमा गया.

    भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष डॉ पीटी उषा ने रविवार को स्पष्ट किया कि कुश्ती, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में एथलीटों के वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि आईओए द्वारा नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की.

    डॉ उषा ने कहा कि ऐसे खेलों में पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में प्रत्येक भारतीय एथलीट की अपनी सहायता टीम है. आईओए के एक बयान के अनुसार, ये सहायता टीमें इतने सालों से एथलीटों के साथ काम कर रही हैं.

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    IOA ने कुछ महीने पहले मेडिकल टीम नियुक्त की थी

    आईओए ने कुछ महीने पहले एक मेडिकल टीम नियुक्त की थी, मुख्य रूप से एक ऐसी टीम के रूप में जो एथलीटों की प्रतियोगिता के दौरान और उसके बाद उनकी रिकवरी और चोट प्रबंधन में सहायता करेगी. इस टीम को उन एथलीटों की सहायता के लिए भी बनाया गया था, जिनके पास पोषण विशेषज्ञों और फिजियोथेरेपिस्टों की अपनी टीम नहीं थी.

    डॉ. उषा ने कहा कि आईओए मेडिकल टीम, खासकर डॉ. पारदीवाला के प्रति इंगित करने वाली नफरत अस्वीकार्य है और निंदा के योग्य है. बयान में कहा गया है, "उन्होंने उम्मीद जताई कि आईओए मेडिकल टीम का फैसला करने  वाले लोग किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करेंगे."

    पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को किया गया था अयोग्य घोषित

    यह बयान भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को महिलाओं के 50 किलोग्राम फाइनल से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद आया है क्योंकि उन्होंने खिताबी मुकाबले से पहले वजन सीमा का उल्लंघन किया था. उल्लेखनीय है कि खेल पंचाट न्यायालय (CAS) ने पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित की गई विनेश फोगाट को रजत पदक देने या न देने के बारे में अपना फैसला सुनाने की समय सीमा मंगलवार, 13 अगस्त तक बढ़ा दी है.

    भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के एक बयान के अनुसार, CAS ने अंतिम फैसले के लिए समय मंगलवार, 13 अगस्त, पेरिस समयानुसार शाम 6:00 बजे और IST समयानुसार रात 9:30 बजे तक बढ़ा दिया है.

    आईओए ने शनिवार को अपने बयान में कहा, "CAS के एडहॉक विभाग ने विनेश फोगाट बनाम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति मामले में एकमात्र मध्यस्थ माननीय डॉ. एनाबेले बेनेट के लिए निर्णय देने के लिए समय शाम 6 बजे तक बढ़ा दिया है. जो कि13 अगस्त 2024 को आएगा."

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