चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को दिल्ली की तिहाड़ जेल में आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा की.
पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी. 4 जून को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बीच पहली मुलाकात थी.
केजरीवाल आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत पर 1 जून तक जेल से बाहर थे और इस दौरान उन्होंने चुनाव प्रचार किया. आदेश के मुताबिक उन्हें 2 जून को दोबारा जेल अधिकारियों के समक्ष खुद को सरेंडर करना था.
लोकसभा चुनाव 2024 के 4 जून को आए नतीजों में आप को विधानसभा के मुताबिक पंजाब नतीजे नहीं मिली है. पार्टी ने राज्य में अकेले चुनाव लड़ा लेकिन उसे कुल 13 में से केवल 3 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को 7 और बाकी अन्य ने हासिल की हैं.
यह भी पढे़ं : कठुआ आतंकी हमला : 2 आतंकवादियों को मार गिराया, शव बरामद- तलाशी अभियान जारी
ईडी ने किया जमानत याचिका का विरोध कहा- पर्याप्त सबूत
वहीं इससे पहले 7 जून 2024 को सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया था और कहा कि आवेदक (केजरीवाल) गंभीर आर्थिक अपराधों में शामिल हैं.
ईडी ने कहा कि आवेदक को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जोड़ने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सबूत हैं, और जमानत पर उनकी रिहाई से गहरी जड़ें जमाए बहुस्तरीय साजिश का पता लगाने के लिए आगे की जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
ईडी ने आबकारी मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जवाब दाखिल किया, जिसमें उल्लेख किया गया था कि आरोपी विनोद चौहान दिल्ली से गोवा में 25.5 करोड़ रुपये के हस्तांतरण के लिए जिम्मेदार था, जो अभिषेक बोइनपल्ली से प्राप्त हुआ था जो साउथ ग्रुप का प्रतिनिधि है, जिसने क्विड प्रो क्वो व्यवस्था में नकद हस्तांतरण को भी संभाला था.
विनोद चौहान के डिजिटल डिवाइस की जांच से चैट का पता चला है, जिसमें विनोद चौहान और अरविंद केजरीवाल के बीच करीबी संबंध का पता चला है. ईडी ने कहा कि विनोद चौहान की निकटता इस बात से भी पता चलती है कि वह अरविंद केजरीवाल के जरिए दिल्ली जल बोर्ड में अधिकारियों की पोस्टिंग मैनेज कर रहा था. यह बात चैट और दिल्ली सरकार के आधिकारिक नोट के स्क्रीनशॉट से भी पता चलती है, जिसमें इस तरह की पोस्टिंग को मंजूरी दी गई है.
मामले में सुनवाई 14 जून तक टाली गई
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और विशेष वकील जोहेब हुसैन प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हुए, जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन और अधिवक्ता विवेक जैन जमानत की सुनवाई में अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश हुए. शुक्रवार को अदालत ने यह देखते हुए कि ईडी ने अरविंद केजरीवाल के वकील को दोपहर 1 बजे ही जवाब की कॉपी सौंप दी थी, बहस 14 जून के लिए टाल दी.
कोर्ट ने 7 दिन की अंतरिम जमानत याचिका की थी खारिज
हाल ही में इसी अदालत ने आबकारी नीति धन शोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा चिकित्सा कारणों का हवाला देते हुए सात दिन की जमानत की मांग वाली अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. याचिका खारिज करते हुए अदालत ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को आवेदक अरविंद केजरीवाल के लिए सभी आवश्यक चिकित्सा टेस्ट करने और उपचार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
इस बीच कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत भी 19 जून तक बढ़ा दी है. अरविंद केजरीवाल को वर्चुअल मोड के जरिए कोर्ट में पेश किया गया.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था. इसी कोर्ट ने 1 जून को अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था.
यह भी पढे़ं : कुवैत में आग से 40 से ज्यादा लोगों की मौत- 30 भारतीय घायल, इमारत के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश