'NRC हकीकत नहीं बन पाएगा, असम में अब भी इसे फाइनल करना बाकी', AIUDF MLA रफीकुल इस्लाम बोले

    एआईयूडीएफ विधायक और पार्टी महासचिव ने कहा कि असम में एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान 1600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए, लेकिन अंतिम एनआरसी सूची अब भी नहीं आई.

    'NRC हकीकत नहीं बन पाएगा, असम में अब भी इसे फाइनल करना बाकी', AIUDF MLA रफीकुल इस्लाम बोले
    एआईयूडीएफ विधायक रफीकुल इस्लाम मीडिया से बात करते हुए | Photo- ANI

    गुवाहाटी (असम) : ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) वास्तविकता नहीं बन पाएगा, क्योंकि असम में एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है.

    एआईयूडीएफ विधायक और पार्टी महासचिव रफीकुल इस्लाम ने कहा कि असम में एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान 1600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए, लेकिन अंतिम एनआरसी सूची अभी तक प्रकाशित नहीं हुई है.

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    इस्लाम ने कहा- 1971 के बाद में देश में घुसे हिंदू-मुस्लिम बाहर हों

    एएनआई से बात करते हुए इस्लाम ने कहा, "लेकिन असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी की वकालत कर रहे हैं. यह कैसे संभव है. हम चाहते हैं कि 1971 के बाद असम में अवैध रूप से घुसे (मुस्लिम और हिंदू दोनों) लोगों की पहचान की जाए और उन्हें वापस भेजा जाए. लेकिन असम में अपडेटेड एनआरसी को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. असम के मुख्यमंत्री ने झारखंड, हरियाणा में कहा कि अवैध विदेशियों की पहचान की जाएगी और वह राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी की बात कर रहे हैं. क्या यह देश के 140 करोड़ लोगों के लिए संभव है."

    विधायक ने लगाया साम्प्रदायिक राजनीति करने का आरोप

    एआईयूडीएफ विधायक ने असम के मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्र सरकार पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया.

    रफीकुल इस्लाम ने कहा, "नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लाकर वे पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए लोगों को भारतीय नागरिकता दे रहे हैं, दूसरी ओर वे राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी की बात कर रहे हैं."

    उन्होंने आगे कहा कि, उनकी पार्टी 1971 के बाद बांग्लादेश से असम आए सभी मुसलमानों और हिंदुओं की पहचान करके उन्हें निकालना चाहती है.

    एक देश, एक चुनाव ध्यान भटकाने के लिए, उन्हें देश का ज्ञान नहीं : इस्लाम

    एक राष्ट्र, एक चुनाव नीति के बारे में बोलते हुए, इस्लाम ने कहा, "एक राष्ट्र, एक चुनाव का विचार इतने बड़े देश के लिए व्यावहारिक नहीं है. यह केवल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए है. भले ही वे इसे अभी लागू करें, लेकिन कुछ समय में यह फिर से गिर जाएगा. मोदी को यह अवधारणा छोड़ देनी चाहिए. केंद्र में अजीब लोग हैं, मुझे यकीन नहीं है कि उनके पास जरूरत भर का ज्ञान भी है या नहीं."

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