श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) : कांग्रेस ने शुक्रवार को औपचारिक रूप से जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन पत्र देकर अपना समर्थन बढ़ाया है.
कांग्रेस ने शुक्रवार को यहां अपने विधायक दल की बैठक की और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आया है. गठबंधन ने 48 सीटें जीतीं, जिसमें कांग्रेस की 6 सीटें हैं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन को सत्ता में पहुंचाया.
#WATCH | Srinagar: Jammu & Kashmir Congress chief, Tariq Hameed Karra says, "We have given the letter of support to Omar Abdullah and he will meet the Lieutenant Governor (LG) and will stake claim to form the government. We are looking forward to the date of Monday, October 14,… pic.twitter.com/9uUH3qV9DW
— ANI (@ANI) October 11, 2024
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की विधायक दल का नेता चुनने की जिम्मेदारी दी गई
तीन चरणों में हुए चुनाव में जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों पर मतदान हुआ. जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने कहा, "आज कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में हमने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को हमारे सीएलपी नेता को चुनने के लिए अधिकृत किया. हमने नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन दिया है."
उन्होंने कहा कि पार्टी की कोई मांग नहीं है और वह शासन के मॉडल पर चर्चा करने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ बैठेगी. उन्होंने कहा, "हमारी कोई मांग नहीं है. हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन कर रहे हैं. हम उनके साथ औपचारिक रूप से बैठेंगे और उस समय हम चर्चा करेंगे कि शासन का मॉडल कैसा होगा. इस गठबंधन की भावना संख्या और मंत्री पदों के खेल से कहीं आगे है."
गठबंधन की भावन को बताया संख्या के खेल से कहीं आगे
उन्होंने कहा, "इस गठबंधन की भावना संख्या के खेल से कहीं अधिक है. भाजपा के साथ हमारी लड़ाई कई हैं और इसे इस तरह की चीजों तक सीमित नहीं किया जा सकता."
एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विधायक दल के नेता पर नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा की गई पसंद पार्टी को पूरी तरह से स्वीकार्य है. कांग्रेस द्वारा समर्थन पत्र नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश करने का मार्ग प्रशस्त करेगा.
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद यह जम्मू-कश्मीर में पहली निर्वाचित सरकार होगी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता चुने गए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब भी जम्मू-कश्मीर में सरकार बनेगी, उसे एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र सरकार के साथ बातचीत शुरू हो. उन्होंने आगे जोर दिया कि वे लोगों के लाभ के लिए उपराज्यपाल (एलजी) के साथ सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करने का हर संभव प्रयास करेंगे.
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