नई दिल्ली : कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को दिल्ली में सीपीआई कार्यालय में सीपीआई(एम) महासचिव सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही कांग्रेस नेता जयराम रमेश, अजय माकन, राजीव शुक्ला और कई सीपीआई(एम) नेता और कार्यकर्ता येचुरी को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली में सीपीआई(एम) कार्यालय पहुंचे.
उनके पार्थिव शरीर को यहां वसंत कुंज स्थित उनके आवास से पार्टी कार्यालय ले जाया गया. येचुरी का 12 सितंबर को एम्स अस्पताल में सांस की नली के संक्रमण से पीड़ित होने के बाद निधन हो गया था.
#WATCH | Congress Parliamentary Party Chairperson, Sonia Gandhi pays tribute to CPI(M) General Secretary Sitaram Yechury at the party office in Delhi.
— ANI (@ANI) September 14, 2024
Sitaram Yechury passed away on 12th September at AIIMS, New Delhi. pic.twitter.com/zkRquloo2g
एनसीपी (शरद चंद्र गुट) के प्रमुख शरद पवार ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी.
#WATCH | Delhi: NCP-SCP chief Sharad Pawar pays tribute to CPI(M) General Secretary Sitaram Yechury at the party office in Delhi.
— ANI (@ANI) September 14, 2024
Sitaram Yechury passed away on 12th September at AIIMS, New Delhi pic.twitter.com/g3s8QRB5bB
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केरल के मंत्री ने कहा- उनके राष्ट्रीय राजनीति में शून्य पैदा हुआ
केरल के मंत्री पी राजीव ने कहा कि उनके निधन से राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है.
राजीव ने कहा, "सीताराम येचुरी के दुखद निधन ने राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा कर दिया है. मुझे उनके साथ उपनेता के तौर पर काम करने का मौका मिला था, जब वे राज्यसभा में सीपीआई (एम) के नेता थे. वे पार्टी में सबसे स्वीकार्य व्यक्ति थे और हर मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए हर कोई उनके पास आता था. यह पार्टी, वामपंथ और देश के लिए एक बड़ी क्षति है."
जेपी नड्डा ने कहा- उनसे भी वह संबंध बनाए रखे, जिनसे उनके विचार अलग थे
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. येचुरी को याद करते हुए नड्डा ने कहा कि उन्होंने उन लोगों के साथ भी संबंध बनाए रखे, जिनके विचार उनसे अलग थे. नड्डा ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "पूर्व राज्यसभा सांसद और माकपा महासचिव स्वर्गीय श्री सीताराम येचुरी जी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. हम दोनों की विचारधाराएं अलग-अलग थीं. वह विचारों के प्रति अधिक झुकाव रखने वाले व्यक्ति थे, लेकिन साथ ही, उन्होंने उन लोगों के साथ संबंध बनाए रखे जिनके विचार उनसे अलग थे. वह असहमत होने पर सहमत होने में विश्वास करते थे और अक्सर कहा करते थे कि यही लोकतंत्र की खूबसूरती है."
उन्होंने कहा, "भगवान उन्हें शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस दर्द को सहने की शक्ति दें."
दिवंगत माकपा नेता की यादों को ताजा करते हुए नड्डा ने कहा कि वह अपने विचारों पर बहुत दृढ़ थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन उन विचारों के प्रचार-प्रसार में लगा दिया, लेकिन एक सामाजिक व्यक्ति होने के नाते हम उनके व्यक्तिगत संबंधों और मानवतावादी दृष्टिकोण को कभी नहीं भूल सकते.
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