नई दिल्ली : जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, जो दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत आए हैं, उन्होंने शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में उनके 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आधिकारिक आवास पर मुलाकात की.
बाद में, पीएम मोदी और जर्मन चांसलर स्कोल्ज़ ने संयुक्त रूप से जर्मन बिजनेस 2024 के एशिया-प्रशांत सम्मेलन का उद्घाटन किया.
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दोनों नेता रक्षा, व्यापार और स्वच्छ ऊर्जा पर द्विपक्षीय वार्ता
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार दोनों नेता रक्षा, व्यापार और स्वच्छ ऊर्जा पर केंद्रित द्विपक्षीय वार्ता करने वाले हैं.
दोनों नेताओं के बीच बढ़ी हुई सुरक्षा और रक्षा सहयोग, टैलेंट को अधिक अवसर, गहन आर्थिक सहयोग, हरित और सतत विकास साझेदारी और उभरती और रणनीतिक प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा होने वाली है.
स्कोल्ज़ 7वें अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता करेंगे, जो दोनों देशों के मंत्रियों की एक द्विवार्षिक बैठक है.
आईजीसी एक संपूर्ण सरकारी ढांचा है, जिसके तहत दोनों पक्षों के मंत्री अपने-अपने जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों में चर्चा करते हैं और अपने विचार-विमर्श के परिणामों पर प्रधानमंत्री और चांसलर को रिपोर्ट देते हैं.
स्कोल्ज़ और पीएम मोदी 18वें एशिया प्रशांत जर्मन व्यापार सम्मेलन में बोलेंगे
स्कोल्ज़ और पीएम मोदी राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित होने वाले 18वें एशिया प्रशांत जर्मन व्यापार सम्मेलन (एपीके 2024) को संबोधित करेंगे. जर्मनी और इंडो-पैसिफिक देशों के व्यापारिक नेताओं, अधिकारियों और राजनीतिक प्रतिनिधियों के लिए द्विवार्षिक आयोजन, जर्मन व्यापार का एशिया-प्रशांत सम्मेलन 2024, हमारे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ावा देगा.
इस आयोजन में जर्मनी, भारत और अन्य देशों के लगभग 650 शीर्ष व्यापारिक नेताओं और सीईओ के हिस्सा लेने की उम्मीद है.
अपनी यात्रा के दूसरे स्कोल्ज़ जाएंगे गोवा
अपनी यात्रा के दूसरे दिन, चांसलर स्कोल्ज़ गोवा में होंगे, जहां जर्मन नौसैनिक फ्रिगेट "बैडेन-वुर्टेमबर्ग" और लड़ाकू सहायता जहाज "फ्रैंकफर्ट एम मेन" जर्मनी की इंडो-पैसिफिक तैनाती को लेकर एक तय समय पर बंदरगाह पर रुकेंगे. चांसलर कल भारत यात्रा समाप्त होगी.
जर्मनी यूरोप में भारत के सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक है. दोनों देशों के बीच वर्ष 2000 से ही 'रणनीतिक साझेदारी' है, जिसे सरकार के प्रमुखों के स्तर पर IGC के शुभारंभ के साथ और मजबूत किया गया है.
दोनों देशों के बीच रक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी समेत क्षेत्र में साझेदारी
दोनों देशों के बीच रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, निवेश और उच्च शिक्षा जैसे विभिन्न मोर्चों पर सहयोग है. भारत और जर्मनी एक मजबूत आर्थिक और विकासात्मक साझेदारी साझा करते हैं.
देश में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं, जिन्होंने देश के विकास में सकारात्मक योगदान दिया है. चांसलर स्कोल्ज़ ने पिछले साल दो बार भारत का दौरा किया था, फरवरी 2023 में द्विपक्षीय राजकीय यात्रा के लिए और सितंबर 2023 में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए.
द्विवार्षिक IGC का फॉर्मेट 2011 शुरू किया गया
द्विवार्षिक IGC प्रारूप वर्ष 2011 में शुरू किया गया था और यह कैबिनेट स्तर पर सहयोग की व्यापक समीक्षा और जुड़ाव के नए क्षेत्रों की पहचान करता है.
बयान के अनुसार, भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है, जिनके साथ जर्मनी का ऐसा तंत्र है.
इस वर्ष भारत और जर्मनी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग के 50 वर्ष भी मना रहे हैं. इस सहयोग के तहत, दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष अनुसंधान, एआई, स्थिरता, पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान व उन्नत सामग्री जैसे वैश्विक एवं उभरते महत्व के कई क्षेत्रों में परियोजनाएं शुरू की हैं.
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