SC/ST में क्रीमीलेयर की पहचान के SC के फैसले का हो रहा विरोध, कांग्रेस आज खरगे के आवास पर बनाएगी रणनीति

    यह बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर शाम 6:30 बजे होगी. इसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश समेत नेता मौजूद रहेंगे.

    SC/ST में क्रीमीलेयर की पहचान के SC के फैसले का हो रहा विरोध, कांग्रेस आज खरगे के आवास पर बनाएगी रणनीति
    नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एक बैठक के दौरान, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    नई दिल्ली : कांग्रेस के शीर्ष नेता आज एक बैठक करेंगे, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पैदा हुई स्थिति पर रणनीति और कोर्ट के इस रुख पर चर्चा की जाएगी कि एससी/एसटी के क्रीमीलेयर को आरक्षण से बाहर रखा जाना चाहिए. वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की आलोचना हो रही है. सोशल मीडिया पर एससी-एसटी के नुमाइंदे इसका जमकर विरोध कर रहे  हैं और आंदोलन की धमकी दे रहे हैं. 

    यह बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर शाम 6:30 बजे होगी.

    खरगे के साथ, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सांसद केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और बाकी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे.

    सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त के फैसल में कहा- SC-STs की सब कैटेगरी बन सकती है 

    सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि राज्यों के पास एससी और एसटी की सब-कैटेगरी बनाने का अधिकार है और कहा कि इससे जुड़ा प्राधिकरण, यह तय करते समय कि वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है या नहीं, मात्रात्मक (क्वांटिटी) प्रतिनिधित्व के बजाय प्रभावी प्रतिनिधित्व के आधार पर यह काफी है या नहीं इसकी काउंटिंग करनी चाहिए.

    शीर्ष अदालत ने 6:1 के बहुमत से फैसला सुनाया कि एससी और एसटी आरक्षण के भीतर सब-कैटेगरी की जा सकती है. इस मामले में छह अलग-अलग राय दी गईं. यह फैसला भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 7 जजों की बेंच ने सुनाया, जिसने ईवी चिन्नैया मामले में पहले के फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सब-कैटेगरी की अनुमति नहीं है इस आधार पर कि एससी/एसटी समरूप कैटेगरी बनाते हैं.

    सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच में ये न्यायधीश रहे शामिल

    सीजेआई चंद्रचूड़ के अलावा, बेंच में जस्टिस बीआर गवई, विक्रम नाथ, बेला एम त्रिवेदी, पंकज मिथल, मनोज मिश्रा और सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे. जस्टिस बीआर गवई ने सुझाव दिया कि राज्य अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से भी क्रीमीलेयर की पहचान करने के लिए एक नीति विकसित करें ताकि उन्हें सकारात्मक कार्रवाई (अफरमेटिव एक्शन) के लाभ से बाहर रखा जा सके.

    जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने असहमति जताते हुए कहा कि वह बहुमत के फैसले से असहमत हैं कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के भीतर सब-कैटेगरी बनाई जा सकती है.

    केंद्रीय मंत्री और एनडीए में शमिल चिराग पासवान फैसले से असहमत 

    केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से असहमति जताई और कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इस फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करेगी.

    राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने भी कहा कि वह फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन इस तरह की सब-कैटेगरी अन्याय को दिखाती है और यह निरर्थक और भावनाहीन है.

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