तिरुवनंतपुरम (केरल) : वायनाड भूस्खलन आपदा के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दावा किया कि उन्हें केंद्र सरकार से अहम सहायता की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक ऐसी कोई पर्याप्त सहायता प्रदान नहीं की गई है. इसके अलावा सीएम ने मीडिया पर सहायता प्रयासों को रोकने के लिए फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया. ऐसी पत्रकारिता को विनाशकारी और अपराध करार दिया.
पिनाराई विजयन ने कहा, "वायनाड आपदा के कारण राज्य को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. हमें केंद्र सरकार से अहम सहायता की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक ऐसी कोई पर्याप्त सहायता प्रदान नहीं की गई है. हमने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से सामान्य केंद्रीय हिस्से के अलावा 291 करोड़ रुपये की आपातकालीन राहत निधि का अनुरोध किया. 291 करोड़ रुपये में से 145.6 करोड़ रुपये पहले ही स्वीकृत किए गए थे. हालांकि, यह एक नियमित प्रक्रिया है और खास आपदा-संबंधी सहायता नहीं है."
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विशेष सहायता नहीं मिली, फिर से केंद्र से की है अपील
उन्होंने कहा कि अभी तक केंद्र से कोई विशेष सहायता नहीं मिली है. उन्होंने कहा, "इस मामले पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा की गई और एक बार फिर केंद्र सरकार से अपील की गई है कि वह जल्द से जल्द आवश्यक सहायता जारी करे."
इससे पहले सीएम विजयन ने मीडिया पर वायनाड भूस्खलन के लिए राहत प्रयासों के बारे में कथित रूप से "झूठी कहानी" फैलाने के लिए राज्य सरकार को बदनाम करने का प्रयास करने का आरोप लगाया. विजयन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "दुर्भाग्य से यह झूठी कहानी कि केरल ने गलत तरीके से केंद्रीय सहायता प्राप्त करने के लिए आंकड़े बढ़ाए हैं, कई लोगों के दिमाग में जड़ जमा चुकी है. और इसका नतीजा क्या हुआ? केरल के लोगों और सरकार की वैश्विक स्तर पर बदनामी हुई है."
विजयन ने कहा, "यह सिर्फ झूठी खबरों या मीडिया नैतिकता में कमी का मामला नहीं है. फर्जी खबरों की असली समस्या सिर्फ झूठ नहीं है, बल्कि उनके पीछे का एजेंडा है. और यह एजेंडा स्पष्ट रूप से राज्य और उसके लोगों के खिलाफ है."
'फर्जी खबरें विनाशकारी पत्रकारिता, समाज के खिलाफ अपराध है'
मुख्यमंत्री ने कहा कि वायनाड के लिए समाज के सभी वर्गों से समर्थन मिला है और अब जो "फर्जी खबरें" सामने आई हैं, उनका उद्देश्य उस समर्थन को खत्म करना और सहायता को रोकना है.
उन्होंने कहा, "लोग राहत कोष में योगदान दे रहे हैं और इस गलत सूचना के पीछे दुर्भावनापूर्ण इरादा उन्हें ऐसा करने से हतोत्साहित करना है. कोई गलती न करें- यह सामान्य पत्रकारिता नहीं है. इसका वर्णन करने के लिए एकमात्र शब्द 'विनाशकारी पत्रकारिता' है. यह विनाशकारी पत्रकारिता समाज के खिलाफ अपराध है. यह न केवल लोगों के विश्वास को खत्म करने का प्रयास करता है बल्कि समुदाय के खिलाफ अपराध के रूप में भी कार्य करता है. इस तरह के झूठ फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों को अपने कार्यों की गंभीरता का एहसास होना चाहिए."
वायनाड में मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन का सिलसिला शुरू हुआ, जिसमें राज्य में सैकड़ों लोग मारे गए. वायनाड जिले के व्यथिरी तालुक के मेप्पाडी पंचायत के पुंजिरिमट्टम, मुंडक्कई, चूरलमाला और वेल्लारीमाला गांवों में भूस्खलन हुआ था.
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