नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि संतों और मुनियों ने, हर युग में, मानवता को उसके उद्देश्य का एहसास कराने में मदद की है, जो समाज के लिए एक जबरदस्त योगदान रहा है.
गुजरात के वडताल में श्री स्वामीनारायण मंदिर की 200वीं वर्षगांठ समारोह के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक उद्देश्य होता है जो इसे परिभाषित करता है. जब हमें अपने जीवन का उद्देश्य पता चलता है, तो यह सब कुछ बदल देता है. संतों और मुनियों ने, हर युग में, मानवता को उसके उद्देश्य का एहसास कराने में मदद की है. यह हमारे समाज के लिए साधु-संतों का बहुत बड़ा योगदान रहा है."
यह अवसर भारतीय संस्कृति के शाश्वत प्रवाह का प्रमाण है
उन्होंने कहा कि यह अवसर भारतीय संस्कृति के शाश्वत प्रवाह का प्रमाण है. प्रधान मंत्री ने कहा, "हमने 200 साल पहले भगवान स्वामी नारायण द्वारा स्थापित वडताल धाम की आध्यात्मिक चेतना को जीवित रखा है. हम अभी भी यहां भगवान स्वामीनारायण की शिक्षाओं और ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं. मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने इस अवसर पर 200 रुपये का एक चांदी का सिक्का और एक स्मारक टिकट भी जारी किया है.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह आयोजन सिर्फ इतिहास का गुणगान नहीं है. यह उनके जैसे हर व्यक्ति के लिए एक महान अवसर है, जो वडताल धाम में अटूट आस्था के साथ बड़ा हुआ है.
हर कठिन समय में महान संत या मुनि का अवतरण हुआ है
उन्होंने कहा, "यह भारत की एक अनूठी विशेषता रही है कि जब भी कठिन समय आया है, उस युग में एक महान संत या मुनि का अवतरण हुआ है. भगवान स्वामीनारायण का आगमन भी ऐसे समय में हुआ जब देश सदियों के विदेशी शासन के बाद कमजोर हो गया था. हम अपना आत्मविश्वास खो चुके थे, उस समय भगवान स्वामीनारायण ने न केवल हममें नई आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया बल्कि हमारा आत्म-सम्मान भी जगाया."
Addressing a programme marking the 200th anniversary celebrations of Shree Swaminarayan Mandir in Vadtal.https://t.co/5pDPQLPpgj
— Narendra Modi (@narendramodi) November 11, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाना चाहिए. इससे प्रेरित होकर, वडताल धाम मानवता की सेवा और एक बेहतर दुनिया के निर्माण का एक प्रमुख केंद्र बन गया है."
श्री स्वामीनारायण मंदिर दशकों से जीवन प्रभावित कर रहा है
वडताल में श्री स्वामीनारायण मंदिर कई दशकों से लोगों के सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन को प्रभावित कर रहा है. वडताल में मंदिर, जिसे वडताल स्वामीनारायण के नाम से भी जाना जाता है.
यह श्री स्वामीनारायण संप्रदाय की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में कार्य करता है, जो आज दुनिया भर में फैल गया है. इस मंदिर का निर्माण भगवान श्री स्वामीनारायण के आदेश पर सद्गुरु श्री ब्रह्मानंद स्वामी और सद्गुरु श्री अक्षरानंद स्वामी द्वारा किया गया था.
यह मंदिर सभी धर्मों के बीच सद्भाव की भावना का प्रतीक है
यह मंदिर कमल के आकार में बना है, जो सभी धर्मों के बीच सद्भाव की भावना का प्रतीक है. इसमें देवी-देवताओं के पिछले अवतारों का चित्रण शामिल है.मंदिर पर बने नौ गुंबद मंदिर की ऊंचाई को देखते हैं.
मंदिर के स्तंभों पर रंगीन पत्थर की नक्काशी है. निर्माण-कार्य 15 माह के भीतर पूरा कर लिया गया. मंदिर की दीवारों को रामायण के रंगीन चित्रों से सजाया गया है.
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