बेहद अनोखी होगी 'मन की बात' पर तीसरी किताब, इस एपिसोड पर है आधारित, जानें क्या है उद्देश्य?

    'Mann Ki Baat' जनता के साथ सीधे संवाद का माध्यम बन गया है. जिसमें सभी एक-दूसरे से सीखते हुए एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ रहे हैं.

    बेहद अनोखी होगी 'मन की बात' पर तीसरी किताब, इस एपिसोड पर है आधारित, जानें क्या है उद्देश्य?

    PM Modi Book Mann ki baat soon launched: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' (Mann Ki Baat) पर केंद्रित तीसरी किताब जल्द ही बाजार में आने वाली है.गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म  X (पहले ट्विटर ) पर कहा, 'इग्नाइटिंग कलेक्टिव गुडनेस: मन की बात किताब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश द्वारा तय की गई एक अनूठी यात्रा की कहानी बताती है'. उन्होंने कहा कि यह किताब इस बात पर नयी दृष्टि डालती है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शब्दों की शक्ति से देश को सामान्य लक्ष्यों के लिए एकजुट किया है. शाह ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम ने 100 एपिसोड पूरे कर लिये हैं, ऐसे में आंकड़ों और अंतर्दृष्टि वाली यह पुस्तक उन युवाओं को अवश्य पढ़नी चाहिए जो इस परिवर्तनकारी यात्रा के बारे में जानना चाहते हैं.

    उन्होंने इस किताब के प्रकाशक ब्लूक्राफ्ट (Bluecraft) को बधाई दी. वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे.पी नड्डा (J.P.Nadda) ने सभी लोगों से इसे पढ़ने का आग्रह करते हुए कार्यक्रम के सफर को 'आधुनिक जन आंदोलन' करार दिया. जे.पी नड्डा ने कहा कि मासिक रेडियो कार्यक्रम लोगों की सामूहिक अच्छाई को सामने लाने का एक मंच रहा है. 

    100वी एपिसोड पर आधारित है किताब

    रेडियो कार्यक्रम  'मन की बात' के 100 एपिसोड पर आधारित इस पुस्तक में चार खंड में हैं. पहला खंड 'स्पीकिंग टू द नेशन' (Speaking to the Nation) में जन भागीदारी से जुड़े राष्ट्रीय चरित्र को सामने लाने वाले मुद्दे रखे गए हैं. वहीं दूसरा खंड 'इनैबलिंग सोशल चेंज' (Enabling Social Change) में उन विषयों को रखा गया है, जहां प्रधानमंत्री के संबोधन में आम जनता को बदलाव के प्रेरित किया और उसका समाज, पर्यावरण और अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक असर देखने को भी मिला.

    तीसरे खंड 'इंडियाज सिविलाइजेशनल यूनिटी इन इट्स स्प्लेंडिड डायवर्सिटी' (India's Civilizational Unity in Its Splendid Diversity) में भारत की सुंदरता, विविधता को सामने लाने वाले विषयों को शामिल किया गया है. चौथे और अंतिम खंड 'स्टैटिस्टिक्स एंड स्ट्रेटेजीज' (Statistics and Strategies) में डाटा और तीन सर्वे के माध्यम से 'मन की बात' के गुणात्मक और मात्रात्मक प्रभावों का विश्लेषण किया गया है.

    उद्देश्य है जनता से संवाद 

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार यह जनता के साथ सीधे संवाद का माध्यम बन गया. जिसमें सभी एक-दूसरे से सीखते हुए एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक रेडियो का कार्यक्रम नहीं रह गया. बल्कि पूरे देश की आवाज बन गया. प्रधानमंत्री ने इस बात प्रसन्नता जताई कि ''मन की बात' में उठाये गए मुद्दों पर समाज में सकारात्मक चर्चा हुई और किसानों, कलाकारों व युवाओं के अन्वेषण को पहचान मिली. मासिक रेडियो 'मन की बात' कार्यक्रम पर इसके पहले दो किताब आ चुकी हैं. इस श्रृंखला की पहली किताब 2017 में 26वें एपिसोड के पूरा होने के बाद और दूसरी किताब 2019 में 50वें एपिसोड के पूरा होने पर छपी थी.