नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत नेताओं ने भारत की पहली महिला शिक्षिका कही जाने वाली साबित्रीबाई फुले की जयंत पर उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि दी.
Tributes to Savitribai Phule Ji on her birth anniversary. She is a beacon of women’s empowerment and a pioneer in the field of education and social reform. Her efforts continue to inspire us as we work to ensure a better quality of life for the people. pic.twitter.com/8JbBZCjBvc
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2025
अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, "सावित्रीबाई फुले जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि. वे महिला सशक्तीकरण की एक मिसाल हैं और शिक्षा व सामाजिक सुधार के क्षेत्र में वह अग्रणी रही हैं. लोगों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए उनके प्रयास हमें प्रेरित करते हैं."
“स्वाभिमान से जीने के लिए पढ़ाई करो,पाठशाला ही इंसानों का सच्चा गहना है।”
— Mallikarjun Kharge (@kharge) January 3, 2025
~ सावित्रीबाई फुले
क्रान्तिज्योति, महान शिक्षाविद व कवयित्री एवं देश की प्रथम महिला शिक्षिका व हमारी प्रेरणास्रोत, सावित्री बाई फुले जी की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।
उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के लिए… pic.twitter.com/7BCOoqhE96
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खरगे ने बताया महिला शिक्ष का द्वार खोलने वाला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. सोशल मीडिया पर एक्स, खरगे ने कहा कि फुले प्रेरणा का स्रोत और एक महान शिक्षाविद् और कवि थीं.
सावित्रीबाई फुले, "आत्मसम्मान के साथ जीने के लिए पढ़ाई करो, स्कूल ही मनुष्य का सच्चा गहना है."
पोस्ट में लिखा है, "क्रांतिज्योति, महान शिक्षाविद् और कवि, देश की पहली महिला शिक्षिका और हमारी प्रेरणा स्रोत सावित्रीबाई फुले की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि."
इसके अलावा, खरगे ने लिखा कि महिला शिक्षा के द्वार सावित्रीबाई फुले ने खोले, जिन्होंने समाज के वंचित दलित, उत्पीड़ित और शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए भी जोरदार लड़ाई लड़ी.
पोस्ट में आगे लिखा है, "उन्होंने महिला शिक्षा के द्वार खोले और समाज के वंचित, दलित, उत्पीड़ित और शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए जोरदार लड़ाई लड़ी और सामाजिक न्याय में अभूतपूर्व योगदान दिया."
सावित्रिबाई को माना जाता है पहली महिला शिक्षिका
सावित्रीबाई फुले महाराष्ट्र की एक भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद और कवि थीं. उन्हें भारत की पहली महिला शिक्षिका माना जाता है.
अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ, उन्होंने भारत में महिलाओं के अधिकारों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें भारतीय नारीवाद की जननी माना जाता है.
फुले और उनके पति ने 1848 में पुणे के भिड़े वाडा में लड़कियों के लिए पहला भारतीय स्कूल स्थापित किया. उन्होंने जाति और लिंग के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव और अनुचित व्यवहार को खत्म करने के लिए काम किया.
उन्हें महाराष्ट्र में सामाजिक सुधार आंदोलन का एक महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है. एक परोपकारी और शिक्षाविद्, फुले एक बड़े स्तर की मराठी लेखिका भी थीं.
उनकी जयंती को महिला शिक्षा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है ताकि महिला शिक्षा और सामाजिक समानता में उनके योगदान का सम्मान किया जा सके. नेता को भारतीय नारीवाद की जननी भी कहा जाता है.
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