PM Modi, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने सावित्रीबाई फुले को दी श्रद्धांजलि, बताया महिला सशक्तीकरण की मिसाल

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. बताया उन्हें प्रेरणा का स्रोत और एक महान शिक्षाविद्.

    PM Modi, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने सावित्रीबाई फुले को दी श्रद्धांजलि, बताया महिला सशक्तीकरण की मिसाल
    सावित्रीबाई फुले की एक मूर्ति और पीएम मोदी व कांग्रेस चीफ खरगे की फाइल फोटो | Photo- ANI, Social media.

    नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत नेताओं ने भारत की पहली महिला शिक्षिका कही जाने वाली साबित्रीबाई फुले की जयंत पर उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि दी. 

    अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, "सावित्रीबाई फुले जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि. वे महिला सशक्तीकरण की एक मिसाल हैं और शिक्षा व सामाजिक सुधार के क्षेत्र में वह अग्रणी रही हैं. लोगों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए उनके प्रयास हमें प्रेरित करते हैं."

    यह भी पढे़ं : 'BPSC पर विरोध जारी रहेगा', जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर ने नीतीश को लेकर क्या कहा?

    खरगे ने बताया महिला शिक्ष का द्वार खोलने वाला

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. सोशल मीडिया पर एक्स, खरगे ने कहा कि फुले प्रेरणा का स्रोत और एक महान शिक्षाविद् और कवि थीं.

    सावित्रीबाई फुले, "आत्मसम्मान के साथ जीने के लिए पढ़ाई करो, स्कूल ही मनुष्य का सच्चा गहना है."

    पोस्ट में लिखा है, "क्रांतिज्योति, महान शिक्षाविद् और कवि, देश की पहली महिला शिक्षिका और हमारी प्रेरणा स्रोत सावित्रीबाई फुले की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि."

    इसके अलावा, खरगे ने लिखा कि महिला शिक्षा के द्वार सावित्रीबाई फुले ने खोले, जिन्होंने समाज के वंचित दलित, उत्पीड़ित और शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए भी जोरदार लड़ाई लड़ी.

    पोस्ट में आगे लिखा है, "उन्होंने महिला शिक्षा के द्वार खोले और समाज के वंचित, दलित, उत्पीड़ित और शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए जोरदार लड़ाई लड़ी और सामाजिक न्याय में अभूतपूर्व योगदान दिया."

    सावित्रिबाई को माना जाता है पहली महिला शिक्षिका

    सावित्रीबाई फुले महाराष्ट्र की एक भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद और कवि थीं. उन्हें भारत की पहली महिला शिक्षिका माना जाता है.

    अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ, उन्होंने भारत में महिलाओं के अधिकारों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें भारतीय नारीवाद की जननी माना जाता है.

    फुले और उनके पति ने 1848 में पुणे के भिड़े वाडा में लड़कियों के लिए पहला भारतीय स्कूल स्थापित किया. उन्होंने जाति और लिंग के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव और अनुचित व्यवहार को खत्म करने के लिए काम किया.

    उन्हें महाराष्ट्र में सामाजिक सुधार आंदोलन का एक महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है. एक परोपकारी और शिक्षाविद्, फुले एक बड़े स्तर की मराठी लेखिका भी थीं.

    उनकी जयंती को महिला शिक्षा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है ताकि महिला शिक्षा और सामाजिक समानता में उनके योगदान का सम्मान किया जा सके. नेता को भारतीय नारीवाद की जननी भी कहा जाता है.

    यह भी पढे़ं : सर्दियों में हार्ट अटैक क्यों बढ़ जाता है, नशों का सिकुड़ना कैसे निभाता है इसमें बड़ा रोल?

    भारत