पीएम मोदी ने कांग्रेस पर संविधान का अपमान करने का लगाया आरोप, कहा- उनका इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा है

    प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर तीखा हमला किया, उस पर संविधान का लगातार अनादर करने का आरोप लगाया और भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए ग्यारह प्रतिज्ञाएँ पेश कीं, जिसमें कहा गया कि सरकार और लोगों को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए.

    PM Modi accused Congress of insulting the Constitution said- their history is full of such examples
    प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी/Photo- ANI

    नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर तीखा हमला किया, उस पर संविधान का लगातार अनादर करने का आरोप लगाया और भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए ग्यारह प्रतिज्ञाएँ पेश कीं, जिसमें कहा गया कि सरकार और लोगों को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्त होना चाहिए.

    संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में दो दिवसीय चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने नेहरू-गांधी परिवार का बार-बार जिक्र किया और इसके नेताओं की हर पीढ़ी पर संविधान का अनादर करने का आरोप लगाया.

    उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने लगातार संविधान का अपमान किया है. उसने इसके महत्व को कम करने का प्रयास किया है. कांग्रेस का इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा है."

    भाजपा के शासन में लोकतंत्र और संविधान मजबूत हुए हैं

    पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है, संविधान भारत की एकता की नींव है और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के शासन में लोकतंत्र और संविधान मजबूत हुए हैं. उन्होंने 'गरीबी हटाओ' नारे को लेकर कांग्रेस पर सबसे बड़ा जुमला कटाक्ष किया और कहा कि उनकी सरकार का मिशन गरीबों को उनकी कठिनाइयों से मुक्त करना है.

    उन्होंने कहा, "अगर हम अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन करें तो हमें विकास करने से कोई नहीं रोक सकता."

    75 वर्षों की उपलब्धि को एक असाधारण उपलब्धि बताते हुए, प्रधान मंत्री ने गर्व व्यक्त किया कि संविधान ने भारत की आजादी के तुरंत बाद सभी अनुमानित संभावनाओं और उसके बाद की चुनौतियों पर काबू पाकर हम सभी को यहां तक ​​पहुंचाया.

    भारत को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है

    पीएम मोदी ने टिप्पणी की कि संविधान निर्माताओं ने कभी भी इस दृष्टिकोण का समर्थन नहीं किया कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था और वे भारत और इसके लोकतंत्र की महान परंपरा और विरासत पर विश्वास करते थे और उस पर गर्व करते थे. उन्होंने कहा कि "भारत का लोकतंत्र और गणतंत्र अतीत हमेशा उल्लेखनीय रहा है और दुनिया के लिए प्रेरणा रहा है और इसलिए, भारत को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है."

    प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माण की प्रक्रिया के दौरान महिलाओं की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा, "महिलाओं का प्रतिनिधित्व और योगदान, चाहे वह सामाजिक, राजनीतिक, शिक्षा, खेल या किसी अन्य क्षेत्र में हो, देश को गौरवान्वित कर रहा है."

    जल्द ही भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा

    यह कहते हुए कि भारत तेजी से प्रगति कर रहा है, पीएम मोदी ने टिप्पणी की कि जल्द ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा.

    आपातकाल के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि देश को जेल में बदल दिया गया, नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए और प्रेस की आजादी पर रोक लगा दी गई.

    1947 से 1952 तक भारत में चुनी हुई सरकार नहीं थी

    कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 1947 से 1952 तक भारत में चुनी हुई सरकार नहीं थी, बल्कि अस्थायी, चयनित सरकार थी, जिसमें कोई चुनाव नहीं होता था. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 1952 से पहले, राज्यसभा का गठन नहीं हुआ था, और कोई राज्य चुनाव नहीं थे, जिसका अर्थ है कि लोगों से कोई जनादेश नहीं था.

    उन्होंने कहा कि इसके बावजूद 1951 में बिना निर्वाचित सरकार के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करते हुए संविधान में संशोधन के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया था. प्रधान मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह संविधान निर्माताओं का अपमान है, क्योंकि ऐसे मामलों को संविधान सभा में संबोधित नहीं किया गया था. उन्होंने टिप्पणी की कि जब अवसर मिला, तो उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार किया, जो संविधान के निर्माताओं का गंभीर अपमान था. प्रधानमंत्री ने कहा कि जो संविधान सभा में हासिल नहीं किया जा सका, उसे एक गैर-निर्वाचित प्रधानमंत्री ने पिछले दरवाजे से कर दिया, जो पाप था.

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