पटना (बिहार) : पटना के जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने सोमवार को कहा कि जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर और अन्य लोगों द्वारा बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा पेपर लीक के खिलाफ गांधी मैदान क्षेत्र में किया गया विरोध-प्रदर्शन अवैध था और इस संबंध में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
पटना डीएम के अनुसार, गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया गया था, जो एक प्रतिबंधित क्षेत्र है.
साइट को खाली करने की अपील के बाद भी कर रहे थे विरोध : डीएम
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पहले प्रदर्शनकारियों को गर्दनीबाग में एक तय विरोध स्थल पर जाने के लिए नोटिस जारी किया था. कई अनुरोधों और समूह को क्षेत्र खाली करने के लिए काफी समय दिए जाने के बावजूद, प्रदर्शनकारी साइट पर बने रहे.
सिंह ने कहा, "जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर और कुछ बाकी लोग अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर पटना के गांधी मैदान के प्रतिबंधित क्षेत्र में गांधी प्रतिमा के सामने अवैध रूप से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. प्रशासन ने उन्हें वहां से हटाकर गर्दनीबाग में विरोध-प्रदर्शन के लिए तय जगह पर जाने का नोटिस जारी किया था."
उन्होंने कहा, "गांधी मैदान थाने के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध रूप से विरोध प्रदर्शन करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी. बार-बार अनुरोध करने और पर्याप्त समय देने के बाद भी जगह खाली नहीं की गई."
किशोर को उनके समर्थकों के साथ हिरासत में लिया गया है
पटना डीएम ने आगे बताया कि किशोर को उनके कुछ समर्थकों के साथ हिरासत में लिया गया है और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा.
सिंह ने कहा, "आज उन्हें कुछ समर्थकों के साथ हिरासत में लिया गया है. वे पूरी तरह स्वस्थ हैं. उन्हें निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अदालत में पेश किया जाएगा."
#WATCH | BPSC protest | On Jan Suraaj chief Prashant Kishor detained by police, in Bihar, RJD leader Mrityunjay Tiwari says, "It was a VIP protest, where he (Prashant Kishor) was trying to gain by politicising and using aspirants ...All this drama was being done in the… pic.twitter.com/gP4vSovHlA
— ANI (@ANI) January 6, 2025
राजद ने जन सुराज पर सरकार के साथ मिले होने का आरोप लगाया
राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने जन सुराज प्रमुख पर राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने वीआईपी विरोध-प्रदर्शन करार दिया.
राजद प्रवक्ता ने कहा, "यह एक वीआईपी विरोध प्रदर्शन था, जहां वह (प्रशांत किशोर) राजनीतिकरण और अभ्यर्थियों का इस्तेमाल करके लाभ उठाने की कोशिश कर रहे थे...यह सारा नाटक सरकार के संरक्षण में किया जा रहा था. अगर गांधी मैदान प्रतिबंधित क्षेत्र था, तो उन्हें पहले वहां से क्यों नहीं हटाया गया? यह सरकार द्वारा प्रायोजित विरोध-प्रदर्शन था. तेजस्वी यादव वहां हैं और वह उम्मीदवारों के मुद्दों को उठाते रहेंगे."
प्रशांत किशोर को हिरासत में लेकर एंबुलेंस में ले जाया गया
इससे पहले, जन सुराज प्रमुख को सोमवार की सुबह पटना पुलिस ने हिरासत में लिया और पुलिस द्वारा एम्बुलेंस में ले जाया गया.
इसके अलावा, पटना पुलिस ने गांधी मैदान में उस जगह को भी खाली करा दिया था, जहां जन सुराज प्रमुख प्रदर्शनकारियों के साथ आमरण अनशन पर बैठे थे.
पटना पुलिस ने गांधी मैदान से निकलने वाले वाहनों की भी जांच की. किशोर 2 जनवरी से भूख हड़ताल पर थे, जिसमें प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के बाद बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों का समर्थन किया गया था.
प्रशांत किशोर के समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प
इस बीच, किशोर की गिरफ्तारी के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है. पुलिस और जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर के समर्थकों के बीच झड़प हो गई. किशोर की गिरफ्तारी की उनके समर्थकों ने व्यापक निंदा की, जिन्होंने सरकार पर किशोर द्वारा लोगों के बीच बनाई गई एकता के डर से विरोध को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया.
एक समर्थक ने बताया, "जब प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया जा रहा था, तब उनका चश्मा फेंक दिया गया. जब मैं चश्मा लेने गया, तो मुझे चोट लग गई और उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. हमें नहीं पता कि प्रशांत जी को कहां ले जाया गया है."
एक अन्य समर्थक ने पुलिस पर मनमानी करने का आरोप लगाया, "उन्होंने कुछ भी अवैध नहीं किया. वे एक जगह बैठे और सत्याग्रह किया. सरकार उनके कारण डरी हुई है. कोई नहीं जानता कि पुलिस उन्हें कहां ले गई. हम इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, कम से कम हमें यह तो बताएं कि उन्हें कहां ले जाया गया है."
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