Sheikh Hasina Latest News: बांग्लादेश की सियासत इन दिनों उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है, और इसी बीच देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने राजनीतिक हलकों में नई हलचल पैदा कर दी. लंबे समय तक सत्ता संभाल चुकी हसीना ने मौजूदा हालात पर खुलकर आवाज उठाई है और देश में अवामी लीग को राजनीतिक प्रक्रिया से दूर रखने को खुली चुनौती बताया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यह कदम न केवल लोकतंत्र को कमजोर करेगा, बल्कि लाखों बांग्लादेशियों के अधिकारों को भी चोट पहुँचाएगा.
एक इंटरव्यू में शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश में होने वाले आगामी आम चुनाव से अवामी लीग को बाहर करने की कोशिश लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन है. उनके अनुसार, देश में अवामी लीग की मौजूदगी के बिना कोई भी चुनाव लोकतांत्रिक रूप से वैध नहीं माना जा सकता.
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान गैर-निर्वाचित शासन चुनावी प्रक्रिया को असंवैधानिक तरीके से आगे बढ़ा रहा है, जो देश के राजनीतिक ढांचे के लिए खतरनाक संकेत है.
“लाखों मतदाताओं के अधिकार छीने जा रहे हैं”
शेख हसीना का कहना है कि जिस अवामी लीग को जनता ने नौ बार चुनाव के माध्यम से चुना, उसी पार्टी को आज चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है. उनकी नज़र में यह फैसला सीधे तौर पर लाखों मतदाताओं के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. उनका कहना है कि किसी भी पार्टी का सत्ता में रहना या विपक्ष में होना महत्वपूर्ण नहीं, लेकिन उसे प्रतिबंधित करना देश की लोकतांत्रिक जड़ों पर प्रहार है.
अवामी लीग पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग
इंटरव्यू में हसीना ने जोर देकर कहा कि अवामी लीग पर से प्रतिबंध तुरंत हटाया जाना चाहिए. उनका मानना है कि बांग्लादेश के हित में आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दलों को समान भागीदारी का अवसर दिया जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो देश उस मौके को खो सकता है जब जनता की सहमति पर आधारित सरकार बन सकती थी. हसीना ने कहा कि देश के लोग स्थिरता चाहते हैं और मौजूदा प्रतिबंधों की प्रक्रिया पर विराम लगना चाहिए.
“बांग्लादेश वापसी तभी, जब लोकतंत्र पूरी तरह बहाल हो”
जब उनसे उनके बांग्लादेश लौटने को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनका समर्पण हमेशा से देश के विकास के लिए रहा है और यह आज भी कायम है. उन्होंने कहा कि वे अपने देश लौटना चाहती हैं, लेकिन तभी जब लोकतंत्र पूरी तरह बहाल किया जाए और मुक्त, निष्पक्ष तथा सबकी भागीदारी वाले चुनाव कराए जाएं.
उनके अनुसार, अवामी लीग को चुनावी प्रक्रिया में शामिल करना आवश्यक है, क्योंकि बांग्लादेश के लोगों को अपना प्रतिनिधि चुनने का मौलिक अधिकार है और यह अधिकार कोई भी व्यवस्था उनसे नहीं छीन सकती.
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