Iran Emergency Alert System: ईरान, जो जून में इजराइल के साथ हुए 12 दिन के संघर्ष से जूझ रहा था, अब किसी बड़े टकराव के लिए तैयारियों को तेज़ कर रहा है. इस दिशा में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, ईरान सरकार ने देशभर में मोबाइल फोन इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम का परीक्षण किया. यह कदम स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि ईरान भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित संकट के लिए अपने नागरिकों को सतर्क और तैयार रखना चाहता है.
जून में हुए युद्ध ने ईरान की इमरजेंसी प्रणालियों की कई कमजोरियों को उजागर किया था. खासतौर पर, समय पर और सही तरीके से जनता तक चेतावनी नहीं पहुंच पाई थी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था में खामी आई थी. इस पर प्रतिक्रिया करते हुए, ईरान की सिविल डिफेंस एजेंसियों ने अपनी चेतावनी प्रणालियों को सुधारने और अपग्रेड करने का निर्णय लिया. इसके अलावा, अमेरिका द्वारा ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर किए गए हमलों ने भी ईरान को यह एहसास दिलाया कि भविष्य में किसी भी संघर्ष के दौरान तेज़, सटीक और स्वचालित पब्लिक अलर्ट सिस्टम का होना जरूरी है. इसी उद्देश्य से शुक्रवार को यह टेस्ट अलर्ट भेजा गया था.
क्या था टेस्ट अलर्ट का उद्देश्य और कैसे काम किया?
ईरान सरकार ने इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम का परीक्षण करने के लिए देशभर में चुनिंदा मोबाइल यूज़र्स को टेस्ट मैसेज भेजे. इन संदेशों में लिखा था, "यह इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम का परीक्षण संदेश है." इस टेस्ट के दौरान, मोबाइल स्क्रीन पर संदेश दिखाई दिए और कुछ फोन पर अलार्म टोन या वाइब्रेशन भी स्वतः सक्रिय हो गया. ईरान सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि यह सिर्फ एक टेस्ट है और जनता को इस पर कोई प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता नहीं है. अधिकारियों का कहना है कि अगले चरण में इस अलर्ट सिस्टम की पहुंच को और बढ़ाया जाएगा, और अगले अभ्यासों के बारे में पहले से सूचना दी जाएगी.
क्या ईरान अगले युद्ध के लिए तैयार है?
हाल के महीनों में ईरान के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने यह चेतावनी दी थी कि क्षेत्र में फिर से बड़े संघर्ष का खतरा मंडरा रहा है. इस दिशा में, ईरान ने अपनी इमरजेंसी योजनाओं को तेजी से अपडेट किया है और नई रणनीतियाँ तैयार की हैं. इसका मकसद राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय को तेज़ करना और युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों को सही समय पर सही जानकारी और दिशा प्रदान करना है.
जनता के लिए एक गंभीर समस्या
हालांकि ईरान अपने इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने में जुटा है, लेकिन राजधानी तेहरान में सार्वजनिक शेल्टर की भारी कमी एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है. पिछले कुछ सालों में, राजधानी में शेल्टर की संख्या नहीं बढ़ी है और अब भी अधिकांश लोग किसी भी आपातकालीन स्थिति में मेट्रो स्टेशन, अंडरग्राउंड पार्किंग, या घरों के बेसमेंट्स का सहारा लेते हैं. जून के युद्ध के दौरान, जहां उच्च पदस्थ अधिकारियों को सुरक्षित भूमिगत ठिकानों में स्थानांतरित कर दिया गया था, वहीं आम नागरिकों को इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, जिससे इस मुद्दे पर सवाल उठने लगे थे.
क्या ईरान की सुरक्षा तैयारियाँ भविष्य के संघर्ष को टाल पाएंगी?
ईरान का यह इमरजेंसी अलर्ट टेस्ट सिस्टम और युद्ध की तैयारियों को लेकर बढ़ता समन्वय एक संकेत है कि वह भविष्य के किसी भी संभावित संघर्ष के लिए खुद को तैयार करना चाहता है. हालांकि, यह सवाल भी उठता है कि क्या ईरान अपने नागरिकों को ऐसी युद्ध स्थितियों से सुरक्षित रख पाएगा, जिनमें पर्याप्त शेल्टर की कमी हो और चेतावनियाँ समय पर न मिल सकें. जैसे-जैसे क्षेत्रीय तनाव बढ़ रहा है, ईरान की यह सुरक्षा रणनीति आने वाले दिनों में और अधिक महत्व रखेगी.
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